बिहार की राजनीतिक पार्टी लोक जन शक्ति पार्टी (Lok Jan Shakti Party) को चुनाव आयोग ( Election Commission) से बड़ा झटका लगा है। चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान (Uncle Pashupati Paras and Nephew Chirag Paswan) के बीच चल रहे विवाद को देखते हुए आयोग ने फिलहाल लोक जन शक्ति पार्टी के चुनाव चिन्ह पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही बंगले को भी जब्त कर लिया गया है। इस पर अंतिम फैसला 4 अक्टूबर को आएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चिराग पासवान और पशुपति पारस दोनों के बीच पार्टी में कई दिनों से विवाद चल रहा था, लेकिन अब दोनों खेमे चुनाव चिह्न का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। दोनों खेमे को 4 अक्टूबर तक जरूरी दस्तावेज लाने को कहा गया है। इसके बाद ही चुनाव आयोग कोई बड़ा फैसला लेगा। आयोग के फैसले के मुताबिक, अब नेता और उनकी पार्टी दोनों लोक जनशक्ति पार्टी के चुनाव चिह्न का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
चुनाव चिह्न जब्त होने के बाद चुनाव आयोग ने साफ तौर पर कहा कि चिराग पासवान और पशुपति पारस दोनों ही अंतिम निर्णय तक पार्टी के चुनाव चिह्न का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों से अंतरिम हल निकालने को भी कहा है। पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर दो गुटों के बीच विवाद था, जिसे अब जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।
बीते दिनों चिराग पासवान ने शुक्रवार को चुनाव आयोग के कार्यालय का दौरा किया था। साथ ही मांग की थी कि पार्टी का चुनाव चिन्ह उनकी पार्टी के पास ही रहना चाहिए। लोजपा के एक धड़े का नेतृत्व पार्टी अध्यक्ष पासवान कर रहे हैं। जबकि दूसरे धड़े का नेतृत्व उनके चाचा कर रहे हैं। ऐसे में नेतृत्व की बात हो रही है। जिसका चुनाव आयोग अब हल निकालने जा रह है।