अनंतनाग में मंदिर तोड़ने पर फेला आक्रोश

जम्मू: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में मंदिर को तोड़े जाने और अपवित्र किए जाने के बाद कश्मीरी पंडित सड़कों पर उतर आए हैं. पुलिस एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी चीजों की जांच के लिए जिले के मट्टन क्षेत्र के बार्गेशखा भगवती माता मंदिर का दौरा किया. पुलिस ने मामला दर्ज कर इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं इस घटना को लेकर विस्थापित कश्मीरी पंडित रोष प्रकट करते हुए सड़कों पर उतर आए. उन्होंने इस घटना का विरोध करने के लिए प्रदर्शन किया. इस बीच अनंतनाग के एसएसपी ने आम जनता से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने का अनुरोध किया है. यह मंदिर लगभग 100 साल पुराना मंदिर है.

अनंतनाग के उपायुक्त पीयूष सिंगला ने कहा कि दोषियों को दंडित किया जाएगा और किसी को भी सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.  “इस तरह के अनैतिक और अवैध कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को कानून के जरूरी प्रावधानों के अनुसार दंडित किया जाएगा. किसी को भी समाज में सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने या बाधित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.  सिंगला ने कहा कि पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है और जांच की जा रही है.

इस पूरे मामले को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने घटना की निंदा की और पुलिस से दोषियों के खिलाफ मुकदमा चलाने का आग्रह किया. 
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि मैं इस बर्बरता की कड़ी निंदा करता हूं और प्रशासन, विशेष रूप से जम्मू कश्मीर पुलिस से दोषियों की पहचान करने का आग्रह करता हूं ताकि उन पर कानून की पूरी सीमा तक मुकदमा चलाया जा सके. इस घटना को लेकर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मट्टन में माता के मंदिर में तोड़फोड़ से दुख पहुंचा है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे (कश्मीरी) पंडित भाईयों को भरोसा दिलाना वक्त की जरूरत है.” वहीं इस घटना को लेकर पीडीपी नेता नईम अख्तर ने भी घटना की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि जिम्मेदार व्यक्तियों को दंडित किया जाना चाहिए.

आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग
एम के योगी के नेतृत्व में कश्मीरी पंडित जगति शिविर स्थित अपने घरों से बाहर आए और उन्होंने विरोध रैली निकाली. उन्होंने सरकार विरोधी नारेबाजी की तथा आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की. योगी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यदि हमारे मंदिर सुरक्षित नहीं हैं, यदि घाटी में हमारे लोग सुरक्षित नहीं हैं, तो कैसे कश्मीरी पंडित कश्मीर में अपने घर लौटेंगे. सरकार नाकाम हो गई है.”

कश्मीरी पंडितों ने जगती में जुलूस निकाला
इस घटना के विरोध में जगती में कश्मीरी पंडितों ने जुलूस निकालते हुए विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए घटना की निंदा की. सड़कों पर उतरे कश्मीरी पंडितों ने कहा कि मंदिर पर हमला और मंदिर परिसर में पवित्र मूर्तियों को अपवित्र करना और उनको तोड़ना कायरतापूर्ण कार्य है.  

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