लखीमपुर खीरी बवाल: किसानों ने मृतकों का पोस्टमार्टम कराने से किया मना

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में किसानों के साथ हुई हिंसक झड़प में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. इनमें 4 किसान हैं, जबकि 4 वो लोग हैं, जिनकी गाड़ी पलटी है. तिकोनिया गांव में चार किसानों का शव ही रखा गया है, लेकिन किसान अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं हैं. किसानों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. इस हादसे के बाद लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में तनाव व्याप्त है, जबकि सरकार ने इलाके में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. 

किसानों ने मृतकों का पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया है. आपको बता दें कि जिले में 3 अक्टूबर को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आगमन के दौरान एक बड़ी घटना हो गई. तिकुनिया क्षेत्र के बनवीरपुर गांव में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र उर्फ मोनू ने किसानों से बचाव में गाड़ी तेज कर दी, जिससे उनकी गाड़ी के नीचे किसान आ गए.  इस हादसे में 4 किसानों की मौत हो गई, जबकि 4 अन्य लोगों की जान चली गई है. 
 
मृतकों की पहचान लजीत पुत्र हरजीत सिंह निवासी नानपारा जिला बहराइच, गुरविंदर सिंह पुत्र सतविंदर सिंह निवासी नानपारा, लवप्रीत पुत्र सतनाम सिंह चौखड़ा फार्म मझगाई पलिया, नछत्तर सिंह धौरहरा के रूप में हुई है. इस घटना के बाद सुरक्षा के मद्देनजर कई थानों की फोर्स सीतापुर और आसपास जिलों से बुलाई गई है. 

वहीं, किसानों ने मृतकों का पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया. किसानों का कहना है जब तक किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत नहीं आ जाते तब तक शवों का पोस्टमार्टम नहीं किया जाएगा. इस बीच खबर आई है कि राकेत टिकैत भी लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गए हैं. लखीमपुर खीरी की घटना पर संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि सोमवार को पूरे देश के किसान अपने-अपने जिला मुख्यालय पर 10 से 1 बजे तक उपायुक्त/डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कार्यालय का घेराव करेंगे.

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