विपक्ष का 2022 के विधानसभा चुनाव का सफर लाशों पर नहीं हो सकता: सिद्धार्थनाथ

लखनऊ: लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। इस घटना को लेकर विपक्ष सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करता हुआ नजर आ रहा है। वहीं सोमवार को मौके पर जाने की कोशिश करने वाले सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को रोक दिया गया अथवा हिरासत में ले लिया गया। इस बीच, योगी सरकार ने कहा है कि “विपक्षी दलों का 2022 के विधानसभा चुनाव का सफर लाशों पर नहीं हो सकता”। किसी को भी माहौल बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

इस पर योगी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने विपक्षी दलों के नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने को अशांति फैलाने वाला राजनीतिक स्टंट करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया, “विपक्षी दल फोटो ऑप (तस्वीर खिंचवाने का मौका) हासिल करने और राजनीतिक फायदा लेने की फिराक में हैं। वे 2022 तक का जो राजनीतिक सफर तय करना चाहते हैं, वह लाशों पर नहीं हो सकता। सरकार नहीं चाहती कि लखीमपुर खीरी में शांति का माहौल बिगड़े। सरकार चाहती है कि शांतिपूर्ण माहौल में सही जांच हो और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सके।”

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में रविवार को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव जाने के विरोध के दौरान हुए संघर्ष में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।

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