लेबनान: जज को हटाने की मांग करते प्रदर्शनकारियों पर बरसाईं गोलियां, दो की मौत

लेबनान (Lebanon) की राजधानी बेरूत (Beirut) में गुरुवार को हुई गोलीबारी (Shooting in Beirut) में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई. दरअसल, बेरूत शहर के बंदरगाह पर पिछले साल हुए विस्फोट (Beirut blast) की जांच कर रहे जज को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा था. इसी दौरान लेबनानी शिया समूह हिज्बुल्लाह (Hezbollah) के समर्थकों पर गोलीबारी की गई. 1975-90 के गृहयुद्ध की फ्रंटलाइन पर हुई ये गोलीबारी हाल के सालों में हुए सबसे बुरा घटनाक्रमों को दिखाती है. साथ ही चार अगस्त 2020 को बेरूत में हुए विस्फोट की जांच पर गहराते राजनीतिक संकट को उजागर करती है.

लेबनानी सेना (Lebanese army) ने एक बयान में कहा कि गोलियों के जरिए प्रदर्शनकारियों को निशाना नहीं बनाया गया है. दरअसल, सेना के जवान ईसाई और शिया मुस्लिम पड़ोस को विभाजित करने वाले क्षेत्र में स्थित एक ट्रैफिक सर्कल से गुजर रहे थे, तभी गोलीबारी की गई. देश के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती (Najib Mikati) ने लोगों से शांति बनाए रखने की गुजारिश की है. वहीं, सेना के एक सूत्र ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि सेना की गोलीबारी की वजह से दो लोगों की मौत हुई है, जबकि सात अन्य लोग घायल हुए हैं. सूत्र ने बताया कि गोलीबारी की शुरुआत ईसाई पड़ोस के ऐन अल-रेमनेह से हुई, जिसके बाद दोनों तरफ से गोलियां चलना शुरू हो गई.

कई घंटों तक चलती रहीं गोलियां

हिज्बुल्लाह के अल-मनार टीवी ने कहा कि ‘दो शहीद’ और कई घायलों को शिया दक्षिणी उपनगरों के एक अस्पताल में ले जाया गया है. इससे मालूम चलता है कि हताहतों में शिया लोग शामिल थे. रॉयटर्स के चश्मदीदों ने कहा कि कई घंटों तक गोलियों की आवाजें सुनी गईं. साथ ही कई विस्फोट भी हुए, जिन्हें लेकर माना गया कि ये रॉकेट से चलने वाले हथगोले थे. लेबनानी सेना ने इलाके में भारी तैनाती की. सेना ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सड़क पर किसी भी व्यक्ति को हथियार के साथ देखा गया तो गोली मार दी जाएगी. लेबनान एक लंबे वक्त से आर्थिक संकट का सामना भी कर रहा है.

बेरूत धमाके में हुई थी 200 से अधिक लोगों की मौत

बेरूत बंदरगाह विस्फोट (Beirut port explosion) की जांच पर राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है. भारी हथियारों से लैस, ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह ने जज को हटाने की मांग की है. उन पर पक्षपात का आरोप लगाया गया. विस्फोट में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और बेरूत के कई इलाके तबाह हो गए. जज की जांच पर चल रहे गतिरोध की वजह से नवगठित सरकार का ध्यान इतिहास के सबसे खराब आर्थिक मंदी से निपटने से हट रहा है. जज ने हिज्बुल्लाह सहयोगियों सहित कई वरिष्ठ राजनेताओं और सुरक्षा अधिकारियों से पूछताछ करने की मांग की है. कहा जा रहा है कि इनकी लापरवाही की वजह से विस्फोट हुआ.

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