कोवाक्सिन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंजूरी मिलने की संभावना

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) 26 अक्तूबर को एक अहम बैठक करने जा रहा है। इसमें भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवाक्सिन के आपात इस्तेमाल पर फैसला हो सकता है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि कोवाक्सिन के लिए ईयूएल (आपातकालीन उपयोग सूची) पर विचार करने के लिए 26 अक्तूबर को तकनीकी सलाहकार समूह की बैठक होगी। डब्ल्यूएचओ डोजियर को पूरा करने के लिए भारत बायोटेक के साथ मिलकर काम कर रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब तक केवल छह कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी दी है। इनमें- फाइजर-बायोएनटेक, जॉनसन एंड जॉनसन (J&J), ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका , मॉडर्ना, सिनोफार्म और सिनोवैक वैक्सीन शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, EUL एक जोखिम-आधारित प्रक्रिया है जो मूल्यांकन और लिस्टिंग के लिए बिना लाइसेंस वाले टीके पर विचार करती है। इस प्रक्रिया में चिकित्सीय और इन-विट्रो डायग्नोस्टिक्स भी शामिल हैं ताकि एक निश्चित सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल से प्रभावित लोगों को वैक्सीन की उपलब्धता में तेजी लाई जा सके।

भारत में दो से 18 साल के लोगों के लिए जल्द मिल सकती है मंजूरी
हाल ही में भारत में कोवाक्सिन को दो से 18 साल के लोगों के लिए इस्तेमाल करने की अनुशंसा सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने की थी। हालांकि कुछ दिन बाद ही केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि दो से 18 साल तक के बच्चों के लिए तैयार की जा रही कोवाक्सिन वैक्सीन को अंतिम मंजूरी पर अभी विशेषज्ञ विचार कर रहे हैं। वैक्सीन का आकलन किया जा रहा है।

तीन चरणों में ट्रायल हुआ
कोवाक्सिन को लंबे ट्रायल से गुजरना पड़ा है। भारत बायोटेक ने 18 से कम आयु वर्ग के लिए तीन चरणों में ट्रायल पूरा किया था। सितंबर में दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल पूरा कर लिया गया था। इसके बाद भारत बायोटेक की कोवाक्सिन को मंजूरी मिलने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। मंगलवार को अचानक इसे मंजूरी की खबरें मीडिया में चलने लगीं, लेकिन कुछ देर बाद ही सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है। मामला विशेषज्ञ समिति के विचाराधीन है।

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