- 200 मीट्रिक टन में से 100 मीट्रिक टन छत्तीसगढ़ के लिए रखी जाएगी ऑक्सीजन
- अभी खपत 25 मीट्रिक टन के आसपास; कोरोना की वजह से बढ़ी मांग,
कोरोना ने शुरू की ऑक्सीजन की लड़ाई:प्रदेश में बनने वाली ऑक्सीजन का 50 फीसदी हिस्सा रोकेगा छत्तीसगढ़, जमाखोरी बढ़ी, लोग घरों में कर रहे स्टॉक
रायपुर5 घंटे पहले
फाइल फोटो।
- 200 मीट्रिक टन में से 100 मीट्रिक टन छत्तीसगढ़ के लिए रखी जाएगी ऑक्सीजन
- अभी खपत 25 मीट्रिक टन के आसपास; कोरोना की वजह से बढ़ी मांग,
कोरोना संक्रमण जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है एक नए तरह की लड़ाई शुरू हो गई। और यह लड़ाई है ऑक्सीजन की। कोरोना के बढ़ते मरीजों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार अब अपने राज्य में बनने वाले ऑक्सीजन का 50 फीसदी राज्य से बाहर नहीं जाने देगी। इसके लिए जल्द ही आदेश जारी किया जाएगा। इससे राज्य में करीब 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का इंतजाम जाएगा। राज्य में वर्तमान में औसतन 200 मीट्रिक टन का उत्पादन होता है। इसमें से करीब 25 टन ऑक्सीजन की खपत यहीं होती है। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों को करीब 10 टन और प्राइवेट अस्पतालों को करीब 15 टन ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। कोरोना के मरीज बढ़ने के साथ ही अब राज्य में ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ रही है क्योंकि हर शहर में कोविड सेंटर चालू किए जा रहे हैं। जिला अस्पतालों के अलावा हर ब्लाॅक के पीएचसी में सिलेंडर युक्त बेड का इंतजाम सरकार करने जा रही है। साथ निजी अस्पतालों में भी कोरोना के बेड बढ़ाए जा रहे हैं। होम आइसोलेशन के तहत मरीजों को इलाज की सुविधा प्रारंभ किए जाने की वजह से उसके लिए भी अलग से इंतजाम किया जा रहा है। कुछ लोग तो जरूरत नहीं होने के बावजूद अपने घर में ऑक्सीजन का स्टॉक रखने लगे हैं।
राजधानी में 200 की जगह 400 सिलेंडर की सप्लाई रोज
राजधानी के एम्स, मेडिकल कॉलेज अंबेडकर हॉस्पिटल कि कुछ निजी अस्पतालों में लिक्विड ऑक्सीजन सप्लाई टैंक लगे हैं। इसके अलावा अधिकतर हॉस्पिटल में अभी रोजाना करीब 400 ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई की जा रही है, कोरोना के पहले रायपुर के अस्पतालों में रोजाना मरीजों के लिए 200 ऑक्सीजन सिलेंडर की डिमांड रहती थी। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद इसकी मांग दोगुनी हो गई है। इसके बाद बाद भी उत्पादन में किसी तरह की कमी नहीं है। ड्रग्स एंड कंट्रोल विभाग के अफसरों से मिली जानकारी के अनुसार मरीजों के लिए इन दिनों ही ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत हो रही है, इसे लेकर लेकिन कहीं कमी नहीं है।
8000 ऑक्सीजन बेड की जरूरत
छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अक्टूबर मध्य तक 8 हजार ऑक्सीजन बिस्तरों की जरूरत पड़ सकती है। प्रदेश में अभी 28 जिलो में कोविड अस्पतालों और कोविड केयर सेंटरो में 776 आईसीयू और एचडीयू मिलाकर बिस्तर है। जो कि आठ हजार के मुकाबले करीब सात हजार से ज्यादा कम है।
अस्पतालों को आत्मनिर्भर बना रहे
“राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज के प्रमुख अस्पतालों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनका अपना ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है। इसके लिए आदेश जारी हो गए हैं। प्रथम चरण में 9 प्लांट नए बनाए जा रहे हैं। प्रदेश में अभी 17 प्लांट्स ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहे हैं।”