रालोद नेता का कोर्ट में समर्पण, जमानत पर रिहा

मुजफ्फरनगर। रालोद के क्षेत्रीय महासचिव धर्मेंद्र तोमर ने 15 वर्ष पुराने एक मुकदमे के मामले में गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया।

थाना सिखेड़ा क्षेत्र में स्थित अलनूर मीट प्लांट में  गाय काटने का आरोप लगाते हुए 15 वर्ष पहले हंगामा किया गया था। अभियोजन के अनुसार 21 अगस्त 2006 को प्रभारी निरीक्षक आरडी निगम ने हंगामा कर रहे मौजूदा रालोद क्षेत्रीय महासचिव धर्मेंद्र तोमर सहित कई नेताओं पर मुकदमा दर्ज कराया था। बताया था कि सुनील सूद के निराना के पास स्थित अलनूर नाम के मीट प्लांट के बारे में हिंदूवादी संगठन के नेता अनर्गल प्रचार कर रहे हैं। आर्य समाज के प्रचार में जुटे स्वामी यज्ञ मुनि को आगे कर 10 अगस्त 2006 से फैक्ट्री गेट पर यज्ञ तथा हवन किया जा रहा है। आरोप था कि हिंदूवादी संगठन से जुड़े लोगों ने आह्वान किया था कि 21 अगस्त से फैक्ट्री में तालाबंदी कर दी जाएगी। इन लोगों ने 21 अगस्त 2006 को हंगामा कर दिया था । सैकड़ों लोगों ने लाठी-डंडे लेकर मारपीट की। फैक्ट्री के आसपास की कई झोपड़ी जला दी।

इस मामले में पुलिस ने रालोद के मौजूदा क्षेत्रीय महासचिव धर्मेंद्र तोमर को भी नामजद किया था। जमानत न कराने पर कोर्ट ने उनके गिरफ्तारी आदेश जारी किए थे। धर्मेंद्र ने गुरुवार को विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट के जज गोपाल उपाध्याय के सामने सरेंडर कर दिया। जज गोपाल उपाध्याय के आदेश पर कोर्ट में धर्मेंद्र तोमर को हिरासत में लिया गया, जिसके पश्चात उनके अधिवक्ता की ओर से जमानत अर्जी दाखिल की गई। कोर्ट ने लंच बाद जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए 20-20 हजार रुपए धनराशि की जमानत जमा करने पर धर्मेंद्र तोमर को रिहा करने का आदेश जारी किया।

भाजपा विधायक भी हैं मामले में आरोपी: 2006 में अलनूर मीट प्लांट के विरोध में हुए हंगामे का नेतृत्व मौजूदा भाजपा विधायक उमेश मलिक ने किया था। इस मुकदमे में उमेश मलिक को मुख्य आरोपी बनाया गया था। एक माह पूर्व उमेश मलिक ने कोर्ट में पेश होकर जमानत करा ली थी।

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