शामली। माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने, 11 देशों में चार लाख 21 हजार किलोमीटर पैदल यात्रा तथा देवभूमि के उत्तराखंड में चार धाम यात्रा से हरिद्वार होते हुए शामली पहुंचे तीन पर्वतारोहियों ने गुरुवार को डीएम जसजीत कौर से मुलाकात की। डीएम ने तीनों पर्वतारोहियों के साहस एवं कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने पर उनकी प्रशंसा करते हुए हौंसला बढाया। तीनों पर्वतारोही शामली में सडक सुरक्षा, बेटी बचाओ-बेटी पढाओ सहित अन्य कार्यक्रम के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाएंगे। जानकारी के अनुसार गुरुवार को तीन पर्वतारोहियों लीडर अवध बिहारी व अन्य ने शामली कलेक्ट्रेट में डीएम जसजीत कौर से मुलाकात की। लीडर अवध बिहारी ने बताया कि वे माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने, 11 देशों में चार लाख 21 हजार किलोमीटर पैदल यात्रा करने तथा देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम से हरिद्वार के रास्ते आज शामली पहुचे। उन्होंने बताया कि वे लखीमपुर जिले के दोहरा गांव के निवासी हैं। वर्ष 1980 में लखीमपुर में आई बाढ में उनका पूरा परिवार खत्म हो गया था। उस समय उनकी आयु 11 साल की थी। उन्होंने तीन दिन तक पेड पर बैठकर भूखे प्यासे रहकर अपनी जान बचायी, बाद में भारतीय सेना ने हैलीकाप्टर के माध्यम से उन्हें बचाया। इसके बाद उन्होंने पर्यावरण को ही अपना जीवन मान लिया और इसके लिए कार्य करने लगे। जितेन्द्र प्रताप ने बताया कि वे अवध बिहारी के साथ 11 साल की आयु में 1995 में जुडे थे। भारत सहित कई देशों की पैदल यात्रा कर 14 करोड 50 लाख पौधे लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उनके दल में महेन्द्र प्रताप और गोविन्द नंद सहित 20 सदस्य है। सभी सदस्यों ने अपना देहदान कर रखा है। उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जनपदों का उन्होंने पैदल भ्रमण किया है, जिसमें जनपद शामली आखिरी जिला बचा था। डीएम ने तीनों ही पर्वतारोहियों के साहस एवं कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए उनकी प्रशंसा की।