भारत का झूठा इतिहास लिखवाकर गलत पढ़ाते रहे – इंदर सिंह परमार

भारत में आजादी से पहले से आजादी के बाद तक एजेंट बैठाकर लेखक और इतिहासकारों से अपने पक्ष में झूठा इतिहास लिखवाया गया। देश में अब तक सिर्फ झूठ ही पढ़ाया गया, झूठ ही सिखाया गया और बोला भी गया। विश्व गुरु भारत के इतिहास को बदला गया। ऐसे बताया गया कि जैसे सभी खोज विदेशियों ने ही की हैं, भारत ने कुछ नहीं किया।

यह बात मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्यों की एक्सपोजर विजिट एवं कार्यशाला के समापन पर कही है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद शिक्षा को लेकर कई प्रयास किए गए, लेकिन अब हम ठीक दिशा में बढ़ रहे हैं।

स्कूल शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि अब तक सभी से झूठ बोला गया और गलत पढ़ाया गया। सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत के बारे में भ्रम फैलाने की कोशिश की गई है। इसी कारण शिक्षा के क्षेत्र में इतनी गिरावट आई। भारत की परंपरा में शिक्षा बाजार नहीं है। शिक्षा रोजगार दे सकती है, लेकिन स्वयं शिक्षक बाजार पर आश्रित नहीं है।

इस सोच को बदलने के लिए सकारात्मक माहौल बनाने की आवश्यकता है। प्राथमिक शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है, उसे उठाने की जरूरत है। अप्रत्यक्ष रूप से जो लोग भारत को बाजार समझ कर काम कर रहे हैं, यह हमारे परंपरागत कौशल को गांव-गांव में समाप्त करने की कोशिश है।

‘भारत के बारे में विरम फैलाने की कोशिश की गई इसी कारण शिक्षा क्षेत्र में इतनी गिरावट आई है।’  – इंदर सिंह परमार, स्कूल शिक्षा मंत्री, मध्यप्रदेश

स्कूल शिक्षा मंत्री परमार की शिक्षकों को भी नसीहत
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि शिक्षा विभाग सिर्फ नौकरी देने के लिए नहीं है। यह समाज का निर्माण करने के लिए है। अब समय आ गया है कि नकारात्मक सोच को बदलना होगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम बच्चे की परीक्षा के लिए सब कुछ भूलकर उसे सफल बनाने में लग जाते हैं, वैसे ही सभी शिक्षकों को भी इसी मंशा से काम करना चाहिए ताकि सबका भविष्य उज्जवल हो सके। हम व्यवस्था सकारात्मकता से बदलने में लगे हुए हैं।

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