नई दिल्ली। पिछले 5 साल में सरकार (Government )को कुल 4,177 लोगों को भारतीय नागरिकता (Indian Citizenship) दी गई। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Roy) ने लोकसभा (Loksabha) में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले पांच साल में 10,645 लोगों ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है। संसद में ही एक सवाल के जवाब में सामने आया कि पिछले पांच साल में बड़ी संख्या में लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी भी है।
2017 में यह आंकड़ा 1,33,049, 2018 में 1,34,561, 2019 में 1,44,017, 2020 में 85,248 और 30 सितंबर 2021 तक 1,11,297 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी है।
कहां के कितने लोगों ने मांगी नागरिकता
देश | आवेदन |
अमेरिका | 227 |
पाकिस्तान | 7,782 |
अफगानिस्तान | 795 |
बांग्लादेश | 184 |
कब कितने लोगों को नागरिकता मिली
वर्ष | नागरिकता |
2016 | 1,106 |
2017 | 818 |
2018 | 628 |
2019 | 987 |
2020 | 639 |
जम्मू कश्मीर में आतंकी हिंसा में इस साल 40 आम नागरिक मारे गए
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में इस साल 15 नवंबर तक आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में 40 आम नागरिक मारे गए और 72 घायल हो गए। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर में पिछले 5 साल में आतंकवाद (Terrorism) से जुड़ी घटनाओं में कुल 348 सुरक्षाकर्मी (Security Personal) और 195 आम नागरिक (civilian) मारे गए।
कब कितने नागरिकों की मौत
वर्ष आम नागरिक सुरक्षाकर्मी
2017 40 80
2018 39 91
2019 39 80
2020 37 62
2021 40 35 (15 नवंबर तक)
जन औषधि सुगम ऐप से 13.12 लाख यूजर जुड़े : मांडविया
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को बताया कि करीब 13.12 लाख उपयोगकर्ता जन औषधि सुगम ऐप से जुड़ चुके हैं। यह आंकड़ा 23 नवंबर 2021 तक का है। राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मांडविया ने यह भी बताया कि जन औषधि सुगम ऐप के यूजर्स इसकी मदद से दवाओं के नाम, उनकी कीमत का पता लगा सकते हैं। जेनेरिक और ब्रांडेड दवाओं की कीमतों की तुलना कर सकते हैं और प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों की लोकेशन का पता लगा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस ऐप को नई तकनीक से अपडेट किया जा रहा है, जिससे यह जनता के लिए और भी आसान बने।
देश में तैयार किए जा रहे 8 प्लास्टिक पार्क : केंद्र
केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यसभा में बताया कि केंद्र सरकार ने अब तक 8 प्लास्टिक पार्कों को मंजूरी दी है। इन्हें विकसित किया जा रहा है। ये पार्क असम, ओडिशा, मध्यप्रदेश, झारखंड, तमिलनाडु, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में हैं। मध्यप्रदेश में दो पार्क हैं। ऐसे दो अन्य पार्कों को जल्द ही अंतिम मंजूरी मिल जाएगी। मांडविया ने बताया कि मध्यप्रदेश के तमोट में बन रहा पार्क लगभग पूरा हो चुका है और इसकी एक इकाई में काम चालू हो चुका है। इसी राज्य के बिलौआ में दूसरा पार्क भी तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ओडिशा के पारादीप में बन रहे प्लास्टिक पार्क में बुनियादी ढांचे संबंधी कार्य पूरा हो गया है जबकि झारखंड के देवघर, तमिलनाडु के तिरूवल्लूर, असम के तिनसुकिया, उत्तराखंड के सितारगंज में प्लास्टिक पार्क के विकास का कार्य प्रगति पर है। मांडविया ने बताया कि छत्तीसगढ़ के सरोरा में प्लास्टिक पार्क बनाने के लिए इस साल अप्रैल में मंजूरी दी गई थी और वहां काम अभी शुरू होना है। इनके अलावा कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में प्लास्टिक पार्क की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक पार्क में रिसाइकिलिंग यूनिट भी लगाई जाएंगी।