चीन के साथ गतिरोध पर जयशंकर बोले- दोनों देशों के बीच संबंधों की स्थिति सीमा के हालात दर्शाएगी

विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने गुरुवार को इन दावों का खंडन किया है कि भारत में सुरक्षा परिदृश्य बिगड़ रहा है. वह हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट (एचटीएलएस) में बोल रहे थे. वहीं पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच संबंधों की स्थिति सीमा की स्थिति को दर्शाएगी.

विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति होने पर संबंधों को जारी रखना कोई वास्तविक उम्मीद नहीं है और कहा कि ऐसा क्यों हुआ और यह क्या दर्शाता है जैसे प्रश्न पूरी तरह से वाजिब हैं.

जयशंकर ने कहा, ‘‘और जैसा कि हमने स्पष्ट किया है आखिर में रिश्ते की स्थिति, सीमा की स्थिति को दर्शाएगी. आपके पास तनावपूर्ण, गतिरोध वाली सीमा और जीवन के अन्य सभी क्षेत्र में विशिष्ट संबंध नहीं हो सकते. यह उस तरह से काम नहीं करता है.’’

‘अन्य क्षेत्रों में पहले से फैल चुका है तनाव’

उन्होंने कहा, ‘‘यह अपरिहार्य है कि यह (तनाव) एक तरह से फैल जाएगा, यह पहले से ही अन्य क्षेत्र में फैल चुका है. जब उम्मीद करते हैं हम इसे खास क्षेत्र तक रोक देंगे और शेष जीवन चलता रहेगा…मुझे लगता है यह यथार्थवादी नहीं है.’’

चीन द्वारा सीमा पर सुरक्षा बल की तैनाती का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि पड़ोसी देश ने प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन किया है. मंत्री ने कहा, ‘‘सीमा पर बड़े पैमाने पर बलों की तैनाती के लिए बहुत, बहुत स्पष्ट प्रतिबद्धताएं थीं और उन प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन 2020 में किया गया.

अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव 2593 कई मुद्दों पर दुनिया में व्यापक चिंता की अभिव्यक्ति है. उन्होंने कहा कि उनमें से सबसे प्रमुख यह है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवादी और विदेशी लड़ाके दूसरे देशों को निशाना बनाने के लिए करेंगे. जयशंकर ने कहा इसके अलावा, अफगानिस्तान में शासन की प्रकृति, क्या यह समावेशी होगी, और महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार जैसे मुद्दे भी हैं.

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