डॉक्टर था अपने पूरे परिवार का हत्यारा

कानपुर के कल्याणपुर में डिविनिटी होम्स अपार्टमेंट में हुए तिहरे हत्याकांड में फॉरेंसिक टीम को फ्लैट के किचन में थोड़ी चाय मिली है। तीनों कमरों में चाय के कप और बाहर मेज पर एक सफेद पाउडर मिला। फॉरेंसिक टीम को इन सभी चीजों के मिलने पर आशंका है कि डॉ. सुशील ने नशीला पदार्थ या जहरीला पदार्थ मिलाकर पूरे परिवार को चाय पिलाई। जिससे तीनों बेहोश हो गए। उसके बाद इतमिनान से सुशील ने तीनों को मौत के घाट उतारा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सभी तथ्य स्पष्ट होंगे। अकेला डॉक्टर तीनों के होश में रहते हुए मार देगा यह संभव नहीं लगता। पुलिस के मुताबिक पूरी संभावना है कि चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर चंद्रप्रभा, शिखर व खुशी को पिलाया गया। जिससे वे विरोध न कर सकें और सुशील आसानी से तीनों को मार सके। इसलिए उसने तीनों को अलग-अलग कमरों में बंद कर दिया था। फिर एक-एक कर तीनों को मार डाला। 


बेटे के सीने पर बैठकर घोंटा गला, वो बचने को छटपटाता रहा 
फॉरेंसिक टीम के मुताबिक शेखर के सीने पर खून जमने के निशान मिले। जो अमूमन ऊपर दबाव डालने से बनते हैं। इसलिए आशंका है कि सुशील ने बेटे के सीने पर बैठने के बाद उसका गला घोंटा होगा। हालांकि कुछ खरोंच के निशान भी मिले हैं। जिससे आशंका है कि शेखर बचने के लिए छटपटाया भी था। संघर्ष भी किया लेकिन वह सफल नहीं हो सका। सुशील ने उसको आसानी से मौत के घाट उतार दिया। 


हत्या कर दोपहर में फ्लैट से चला गया था डॉक्टर 
पुलिस ने जब अपार्टमेंट के सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो पता चला कि दोपहर एक से डेढ़ बजे के बीच डॉ. सुशील अपार्टमेंट से बाहर निकल गया था। उसके बाद वह वापस आते कैमरे में कैद नहीं हुआ। इस वजह से पुलिस का कहना है कि दोपहर को जब सुशील अपार्टमेंट से गया था तो वह तीनों को मारकर ही गया था। शाम को उसने साढ़े पांच बजे भाई को मैसेज किया।

 
तो क्या पूरी तैयारी से वारदात को दिया अंजाम
 
पुलिस की जांच में सामने आया कि हर रोज सुशील अपने ड्राइवर सागर के साथ रामा कॉलेज जाता था। शुक्रवार सुबह ही उसने सागर को फोन कर कहा था कि आज वह न आए। खुद चला जाएगा। इसलिए ड्राइवर नहीं आया। इधर सुशील भी कॉलेज नहीं गया। इस पूरे घटनाक्रम से लगता है कि जैसे सुशील ने पहले ही वारदात को अंजाम देने की साजिश रच ली थी। अब सवाल है कि क्या कोई डिप्रेशन में जाने वाला शख्स इस तरह से साजिश रचकर वारदात को अंजाम दे सकता है। इन्हीं सभी बिंदुओं पर पुलिस जांच कर रही है।


एक साल से डिप्रेशन में था!
सुशील और सुनील दोनों जुड़वा भाई हैं। सुनील ने बताया कि एक साल पहले सुशील ने उनसे कहा था कि वह डिप्रेशन में है। जिसका वह इलाज करवा रहा है। हालांकि उसने यह नहीं बताया था कि इलाज कहां से चल रहा है। वहीं डिप्रेशन में अन्य किसी तरह की कोई कभी हरकत की हो उस बारे में भी कोई भी रिश्तेदार नहीं बता सके। 

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