मध्य प्रदेश के नक्सल प्रभावित तीनों जिलों को एक आईजी जोन के अंतर्गत रखने के संबंध में प्रदेश सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नक्सली गतिविधियों की रोकधाम के लिए यह व्यवस्था की गई है।
प्रदेश के बालाघाट, मंडला व डिण्डौरी जिले नक्सल प्रभावित है। नोटिफिकेशन जारी होने से पहले बालाघाट तथा मंडला जिला आईजी बालाघाट जोन के अंतर्गत आते थे। डिण्डौरी जिला शहडोल आईजी जोन के अंतर्गत आता था। डिण्डौरी जिले की सीमा मंडला जिले तथा छत्तीसगढ से लगी हुई है। तीनों जिले नक्सलियों के रेड कारपेट जोन में आते है। छत्तीसगढ़, झारखंड तथा महाराष्ट्र में वारदात करने के बाद नक्सली इन जिलों में शरण लेते हैं।
बालाघाट आईजी आशुतोष राय ने बताया कि नक्सली गतिविधियों की रोकधाम के लिए यह प्रस्ताव एक साल पहले तैयार किया गया था। बालाघाट जिला छत्तीसगढ़ और महाराष्ट की सीमा से लगा हुआ है। जंगल के रास्ते नक्सलियों का बालाघाट में आना-जाना बना रहा है। इसके अलावा मंडला व डिण्डौरी जिले में भी नक्सली शरण लेते हैं। डिण्डौरी जिले के आईजी शहडोल में होने के कारण नक्सली गतिविधियों की रोकधाम में समन्वय स्थापित करने में थोड़ी दिक्कत होती थी। इसका लाभ नक्सलियों को मिला। डिण्डौरी जिले के पुलिस अधिक्षक से चर्चा कर जल्द ही केंद्रीय और विशेष फोर्स तैनात करने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। डिण्डौरी तथा मंडला जिले आपस में जुड़े हैं। दोनों में समन्वय स्थापित किया जा रहा है। इससे नक्सली उन्मूलन तेजी से किया जा सकेगा।