शहीद पृथ्वी सिंह का पार्थिव शरीर जैसे ही दयालबाग स्थित घर पहुंचा, चारों ओर चीख-पुकार मच गई। उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। लोगों ने उनके निज निवास पर ही जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके पार्थिव शरीर के निज निवास पहुंचने पर पुलिस व प्रशासन ने भी सुरक्षा के पूरे इंतजाम कर रखे थे।
तिरंगे में लिपटा देख परिजनों का हुआ बुरा हाल
शहीद पृथ्वी सिंह का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके निज निवास पर पहुँचा, चारों ओर चीखपुकार मच गई। बेटे को तिरंगे में लिपटा देख माता पिता जैसे सुधबुध खो गए। बहनों का भी रो रोकर बुरा हाल था। घर पर मौजूद लोगों ने बमुश्किल परिवार को संभाला। बहने रो-रोकर भाई की कलाई देख रही थी, जो अब रक्षाबंधन पर उनके सामने नजर नहीं आएगी।
अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब
जैसे ही शहीद पृथ्वी सिंह की अंतिम शव यात्रा शुरू हुई। जनसैलाब उमड़ पड़ा। हर कोई उनके अंतिम दर्शन के लिए आतुर था। चारों ओर पृथ्वी सिंह अमर रहे के नारे गूँजने लगे। जगह जगह पर इस अंतिम शवयात्रा के दौरान लोगों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
शहीद पृथ्वी सिंह की अंतिम शव यात्रा के अंतिम दर्शन के लिए जगह-जगह लोग खड़े होकर श्रद्धांजलि दे रहे थे। इस अंतिम शव यात्रा में पृथ्वी सिंह की मां और बहन भी शामिल हुई जो उनके पार्थिव शरीर के साथ ही श्मशान घाट के लिए निकली। दोनों की ही आंखें नम थी। चारों ओर गम ही माहौल था लेकिन लोगों की भीड़ कम नहीं थी। ‘पृथ्वी सिंह अमर रहे, पृथ्वी सिंह अमर रहे’ के नारों से पूरा मार्ग गूंज रहा था।