बुंदेलखंड के विश्व विख्यात पन्ना टाइगर रिजर्व पार्क में एक और बाघ की मौत हो गई। प्रबंधन को कई दिनों बाद गुरुवार को झाड़ियों के बीच में कंकाल मिला है। बाघ या तेंदुए की पुष्टि के लिए डीएनए जांच कराई जा रही है। इस वर्ष में पार्क में तीसरे बाघ की मौत हुई है।
वनराज यानी बाघ (टाइगर) के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व की पूरी दुनिया में शोहरत है। बाघों के अलावा यहां गिद्ध व अन्य तमाम दुर्लभ जीव-जंतु संरक्षित हैं। वन विभाग इनका संरक्षण और देखभाल कर रहा है। बाघों को बचाने और उन पर लगातार नजर रखने के लिए इसी वर्ष जीपीएस कालर लगाए गए हैं।
तमाम कवायद के बाद भी बाघों की असमय मौत थम नहीं रही। यह कंकाल पार्क के अकोला बफर क्षेत्र की बांधी कलां बीट में मिला है। पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि बाघ जैसे जीव की हड्डियां मिली हैं।
यह बाघ या तेंदुआ हो सकता है, लेकिन अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। अनुमान है कि 7-8 दिन पूर्व इसकी मौत हुई है। यह भी स्पष्ट नहीं कि शव नर का है या मादा का। कंकाल का रमपुरा गेट के पास दाह संस्कार कर दिया गया।