आग लगाकर हत्या करने के मामले में 12 लोगों को उम्रकैद की सजा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने घर में आग लगाकर हत्या करने के मामले में 12 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामले में हाईकोर्ट ने सभी 12 अभियुक्तों को दोषी पाया है। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को बदल दिया और इस मामले में जमानत पर बाहर सात लोगों की जमानत रद्द कर दी। उन्हें 15 दिनों के भीतर निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। जबकि जेल में बंद चार आरोपियों के लिए कहा है कि उन्हें आगे की सजा वहीं काटनी है।

यह आदेश राजेश उर्फ बच्चन यादव सहित कुल चार मामलों पर एक साथ सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति सैयद आफताब हुसैन रिजवी की दो जजों की खंडपीठ ने दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जमानत पर बाहर आठ आरोपी अगर निचली अदालत में आत्मसमर्पण नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ अदालती कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी। 

बलिया जिले का है मामला
मामला बलिया का है। रजनीकांत यादव ने पकरी थाने में एक जनवरी 2006 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बासुदेव राजभर, कमला राजभर, गुड्डू राजभर, पंच रतन राजभर, राज कपूर गोंड, राम भवन राजभर, हरीश चंद राजभर, गामा राजभर, कविंद्र नाथ, रवींद्र नाथ, श्रवण कुमार, अजय चौहान, राजेश उर्फ  बब्बन, संतोष, अरबिंद गौर, राजू, राजेश, जवाहर चौहान, ब्रह्मदेव चौहान और रमाशंकर राजभर और एक ही गांव के अन्य लोग लाठी, डंडा, बल्लम और ईंट-पत्थर के साथ अचानक उसके घर पर चढ़ आए और गाली-गलौज करते हुए उसे और उसके चाचा राजेश यादव के साथ मारपीट की।

पिता चंद्र देव यादव और छोटा भाई घर के अंदर भागे तब आरोपियों ने बाहर से दरवाजा बंद कर दरवाजे पर पुआल आदि डालकर आग लगा दी। उसके पिता कमरे के बाहर आए तो आरोपियों ने उनका पीछा किया और उनके साथ मारपीट की। घटना के बाद अस्पताल ले जाते वक्त उसके पिता की मौत हो गई जबकि अन्य लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। 

307 और 302 के तहत दी गई सजा से किया मुक्त
पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 308, 336, 342, 353, 436, 324, 323 सहित कई अन्य में रिपोर्ट दर्ज की थी। निचली अदालत ने मामले में कुछ लोगों को बरी कर 12 अभियुक्तों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई थी। आदेश दिया था कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। हाईकोर्ट ने आईपीसी की धारा 307 और 302 के तहत दी गई सजा से आरोपियों को मुक्त कर दिया।

जबकि, बाकी धाराओं में सजा को बरकरार रखा है। कोर्ट ने जेल में बंद रवींद्र चौहान, ब्रह्मदेव चौहान, अरविंद गौर और राजेश उर्फ बब्बन की बाकी सजा को जेल में ही काटने को कहा है। इसके अलावा कोर्ट बासदेव राजभर, गुड्डू राजभर, रामभवन राजभर, हरीशचंद्र राजभर, गामा राजभर, जवाहर चौहान, रामशंकर राजभर की जमानत रद्द कर दी है। उन्हें निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए कहा है। 

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