राजकीय पॉलिटेक्निक में इंजीनियरिंग की एक छात्रा ने बृहस्पतिवार सुबह हॉस्टल के कमरे में जहरीला पदार्थ खा लिया। अन्य छात्राओं ने क्लास में आने के लिए फोन करके पूछा तो दूसरी छात्रा ने फोन उठाकर तबीयत खराब होने की सूचना दी। इसके बाद कॉलेज के स्टाफ ने छात्रा को राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। छात्रा की हालत खतरे से बाहर है। छात्रा ने सुसाइड नोट में वार्डन और कुछ छात्राओं पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। छात्रा बस्ती जिले की रहने वाली है। उसे बृहस्पतिवार सुबह करीब दस बजे संस्थान के स्टाफ ने उसे राजकीय मेडिकल कॉलेज में बेहोशी की हालत में भर्ती कराया। सोशल मीडिया पर छात्रा का एक सुसाइड नोट वायरल हो रहा है, जिसे उसने बुधवार को लिखा था। इसमें लिखा कि उसकी वार्डन ने वहां पर पढ़ने वाली चार-पांच छात्राओं के साथ मिलकर बहुत प्रताड़ित किया है। उसके साथ मारपीट की गई। वार्डन के इशारे पर वहां की छात्राओं ने उसका बाथरूम में नहाते समय वीडियो बना लिया।
वार्डन उस वीडियो को दिखाकर धमका रही थी। इसी वजह से उसे आत्महत्या करनी पड़ रही है। छात्रा के दोस्तों ने उसके परिवार को फोन पर सूचना दी। छात्रा का भाई शाम को शाहजहांपुर पहुंचा। उसने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है। घटना के कई घंटे बाद जब पुलिस को सूचना मिली तो कांट थाना प्रभारी राजेंद्र बहादुर सिंह राजकीय पॉलिटेक्निक पहुंचे और पूछताछ की।
छात्रा ने यह लिखा है सुसाइड नोट में
जब से हमारे हास्टल की वार्डन बदली हैं तब से मैं मानसिक रूप से बहुत परेशान हूं। मेरी हास्टल वार्डन ने कुछ समय पहले हॉस्टल की कुछ लड़कियों से मुझे पिटवाया था। इसकी वजह से मैं यहां के सरकारी अस्पताल में भर्ती हुई थी। उन्होंने मुझे अकेले में धमकी दी और एक बहुत गंदा वीडियो दिखाया, जिसमें मैं बाथरूम में नहा रही थी। मैंने अपनी जिंदगी में काफी कुछ झेला है, जिसको लेकर मैं बहुत परेशान हूं। अपनी जिंदगी में अब और नहीं झेल पा रही हूं। मुझसे कहा गया कि ये सब बातें मैंने किसी को बताईं तो वीडियो वायरल कर दिया जाएगा।
मैं और मेरे माता-पिता मुंह न दिखा पाएंगे। मम्मी-पापा, भइया प्लीज हमें माफ कर दीजिएगा। मैं नहीं चाहती थी कि मेरे कारण मेरे माता-पिता और भाई को शर्मिंदा होना पड़े पर अब मैं जीना नहीं चाहती इसलिए मैं अपनी जान देने जा रही हूं। मम्मी-पापा और भइया आप लोग अपना ख्याल रखना, मैं नहीं चाहती जो मेरे साथ हुआ वो भविष्य में किसी और के साथ हो।
आपकी बेटी
अनुशासन समिति मामले की जांच कर रही है। छात्रा अस्वस्थ रहती थी। पहले भी उसको अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है। खाली पेट दवाएं खाने से छात्रा को कुछ हुआ होगा। कोई गंभीर मामला नहीं है।
डॉ. संतोष कुमार सिंह, प्रधानाचार्य, राजकीय पॉलिटेक्निक
मामला संज्ञान में आया है। राजकीय मेडिकल कॉलेज में छात्रा का इलाज चल रहा है। मामले की जांच की जा रही है। तहरीर प्राप्त होने के बाद उसके आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
संजय कुमार, एसपी सिटी