रेल टिकट कंफर्म का एसएमएस हिंदी में भेजने पर विवाद, द्रमुक सांसद और पीएमके ने कहा-गैर हिंदी राज्यों पर हिंदी थोपना बंद करें!

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और राजग के घटक दल पीएमके ने तमिलनाडु में रेल यात्रियों को रेल टिकट के कन्फर्म होने से संबंधित एसएमएस हिंदी में कथित तौर पर भेजे जाने की आलोचना की। दक्षिणी रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि यह मामला उनके दायरे में नहीं आता है। दक्षिणी चेन्नई से द्रमुक सांसद तमिलाची थांगपांडियन ने कथित तौर पर हिंदी में मिले एसएमएस का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर साझा किया। उन्होंने कहा, ‘हिंदी को लागू न करने के अपने वादे के बावजूद भारत सरकार कपटपूर्ण तरीके से भाषा को लागू कर रही है। गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी को थोपना बंद किया जाये।’ उन्होंने कई ट्वीट में रेल मंत्रालय को टैग किया और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया कि गैर-हिंदी भाषी भी आईआरसीटीसी सेवाओं का उपयोग करने में सक्षम हों। पार्टी सांसद कनिमोई ने भी कथित तौर पर हिंदी को थोपने की निंदा की।

द्रमुक और राजग के घटक दल पीएमके ने केन्द्र का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, ‘वे लोगों की भावनाओं का सम्मान नहीं कर रहे हैं और बार-बार हिंदी थोप रहे हैं।’ उन्होंने यहां हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा, ‘‘लोग (तमिलनाडु में) एसएमएस को नहीं पढ़ सकते हैं क्योंकि यह हिंदी में है।” उन्होंने ऐसी घटनाओं के कारण ‘‘गंभीर नतीजों” के प्रति चेताया। पीएमके संस्थापक एस रामदॉस ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में ई-टिकट के लिए एसएमएस ‘‘पिछले दो दिनों से हिंदी में भेजे जा रहे हैं।” उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘यह गैर-हिंदी भाषी लोगों पर हिंदी को लागू करने की योजना है। रेलवे को इसे रोकना चाहिए।” उन्होंने इस कृत्य के पीछे शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और आग्रह किया कि तमिलनाडु में केंद्र सरकार से संबंधित सभी घोषणाएं केवल तमिल और अंग्रेजी में जारी की जानी चाहिए।

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