भारतीय थल सेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने मंगलवार को पुणे में इंजीनियर्स कोर में स्वदेश में विकसित किए गए अगली पीढ़ी के बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहनों (एईआरवी) के पहले बैच को शामिल किया। पुणे के बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप (बीईजी) में हुए कार्यक्रम में सेना अध्यक्ष ने कहा कि इन स्वदेशी उपकरणों और वाहनों से अभियानों में तेजी आएगी और पश्चिमी मोर्चे को इससे विशेष मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इन वाहनों को शामिल करने के साथ ही हमने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जनरल नरवणे ने कहा कि पश्चिमी सीमा पर तैनात स्ट्राइक कोर और बख्तरबंद संरचनाओं के लिए एईआरवी की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इस प्लेटफॉर्म से टोही प्रक्रियाओं में तेजी आएगी और हमारी सीमाएं अधिक सुरक्षित हो सकेंगी।