हाथरस/नई दिल्ली: हाथरस मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। 19 वर्षीय दलित कथित गैंगरेप और मौत केस को सुप्रीम कोर्ट ने शॉकिंग कहा है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एसए बोबड़े ने कहा कि हम इस मामले पर सुनवाई इसलिए कर रहे हैं क्योंकि ये एक बहुत शॉकिंग केस है। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि आप उत्तर प्रदेश की सरकार से कहिए कि वह जल्द हमें बताएं कि वह गवाहों की सुरक्षा को लेकर क्या इंतजाम कर रहे हैं। इसके साथ ही पीड़ितों की सुरक्षा के बारे में हलफनामे में पूरी जानकारी दें।
मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े, ए एस बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यन की पीठ ने की। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अगले हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया। सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि हमने मामले की गंभीरता को देखते हुए याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है।
चीफ जस्टिस बोबड़े ने कहा, हम पीड़ित पक्ष और गवाहों के सुरक्षा के यूपी सरकार के बयान को दर्ज करना चाहते हैं, आप हलफनामा दाखिल कीजिए। इसपर जवाब देते हुए यूपी सरकार की ओर से पेश हो रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम बुधवार (7 अक्टूबर) तक दाखिल कर देंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार की सुनवाई में साफ कर दिया है कि वो सुनिश्चित करेंगे कि हाथरस मामले की जांच सही तरीके से हो और निष्पक्ष हो। महिला अधिकार की ओर से पेश हुई वकील कीर्ति सिंह से कहा कि, जैसा आप बता रही हैं मामला झकझोर देने वाला है, वो हम भी मानते हैं, लेकिन आप इस मामले में पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट क्यों नहीं गईं? क्यों ना इस मामले की सुनवाई पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट करे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा जो बहस यहां हो सकती है वही हाई कोर्ट में भी हो सकती है। तो क्या ये बेहतर नहीं होगा कि पहले मामला हाई कोर्ट में सुना जाए।