इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज स्थित आवासों से मिली 197 करोड़ रुपये की नकदी को सीज कर डीजीजीआई ने शिखर पान मसाला के मालिक प्रदीप अग्रवाल, ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन से उसके कारोबारी रिश्तों की जांच शुरू कर दी है।
बीते वर्षों के दौरान इनके बीच हुए कारोबार की जानकारी जुटाई जा रही है। जांच एजेंसी यह पता कर रही है कि इनके बीच कितने साल से कारोबार चल रहा है, ट्रांसपोर्टर की इसमें क्या भूमिका है, कितने ट्रकों से कर चोरी या कैश इधर-उधर किया जा रहा था?
डीजीजीआई (महानिदेशालय जीएसटी इंटेलिजेंस) अहमदाबाद की टीम ने 22 दिसंबर को तीनों के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। सूत्रों के अनुसार, कंपाउंड, पान मसाला और ट्रांसपोर्ट का एक-दूसरे से सीधा संबंध है। इस कारोबार में सबसे ज्यादा कर चोरी की संभावना होती है। इस मामले में भी बड़े पैमाने पर कर चोरी पकड़ी गई है।
पीयूष के शहर स्थित आवास से 177.45 करोड़ और कन्नौज स्थित आवास से 19 करोड़ रुपये मिले हैं। कोर्ट में पेश दस्तावेजों में पीयूष के बयानों के आधार पर डीजीजीआई ने इस धनराशि को टर्नओवर माना है। प्रारंभिक छानबीन के बाद इत्र कारोबारी को जीएसटी अधिनियम के तहत गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
नकदी भी एसबीआई में जमा कर दी गई है। नियमानुसार इसकी एफडीआर बनवा दी गई। अब पान मसाला कारोबारी और ट्रांसपोर्टर की जांच तेज कर दी गई है। ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन जीएसटी में कई बार ब्लैकलिस्ट हो चुका है। उस पर कर चोरी, ट्रक को पास कराने संबंधी तमाम आरोप लग चुके हैं। अब विभागीय अफसर उसके खिलाफ की गई कार्रवाई से जुड़ी जानकारी जुटा रहे हैं, ताकि कर चोरी के पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जा सके।
आयकर जल्द शुरू करेगा जांच
पीयूष जैन के कन्नौज स्थित आवास से विदेशी सोने की सिल्ली मिलने के बाद डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय) ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इत्र कारोबारी का आयकर रिटर्न 15 से 18 लाख के बीच है। उसकी पत्नी का रिटर्न आठ लाख और पिता महेश चंद का रिटर्न करीब 18 लाख का फाइल होता है। इनके रिटर्न में सोना और कैश का जिक्र नहीं है। ऐसे में यह बेनामी संपत्ति में आएगा। आयकर से जुड़े सूत्रों ने बताया कि डीजीजीआई ने अभी जांच हैंडओवर नही की है। जांच हैंडओवर होने के साथ ही पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया जाएगा।