उत्तरप्रदेश: मेरठ में तीन डॉक्टरों सहित कोरोना के 37 मरीज मिले

मेरठ में कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है। विदेश से आए आठ लोगों समेत रविवार को 2402 लोगों की जांच की गई, जिनमें कोरोना के 37 नए मरीज मिले हैं। इनमें मेडिकल कॉलेज के एक प्रोफेसर डॉक्टर और दो रेजिडेंट चिकित्सक भी शामिल हैं। प्राचार्य ने इन्हें एक सप्ताह तक मरीज न देखने और होम आइसलोशन में भेज दिया है। इसके अलावा श्रीलंका से सरधना आया एक युवक भी संक्रमित निकला है। 

नए मरीजों में 22 पुरुष और 15 महिलाएं हैं। तहसील, रोहटा, कंकरखेड़ा, ब्रह्मपुरी, दौराला, लल्लापुरा, रजपुरा, जानी, शकूरनगर, रजबन, इस्लमाबाद, पल्हेडा और मकबरा डिग्गी के रहने वाले हैं। इनके संपर्क वालों की जांच कराई जा रही है। इनके सैंपल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए दिल्ली भेजे जाएंगे। सक्रिय केस 125 हो गए हैं। इनमें 116 होम आइसोलेशन में हैं, जबकि नौ मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। ओमिक्रॉन का खौफ  के बीच विदेश से 43 लोग और आए हैं। 21 नवंबर से अब तक 2562 लोग आ चुके हैं, जिनमें से 1459 की जांच हो चुकी है, 9 लोग बिना जांच वापस चले गए, जबकि 192 के संपर्क नंबर रिपीट मिले हैं। बाकी की जांच होनी है। विदेश से आए अब तक 10 लोगों को कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। एक महिला को जीनोम सीक्वेंसिंग में ओमिक्रॉन की पुष्टि भी हो चुकी है, हालांकि वह स्वस्थ हैं।

आज 46 बूथों पर लगेगा 15 से 18 वर्ष वालों को टीका
15 से 18 साल उम्र वालों को सभी सरकारी केंद्रों पर टीका लगाया जाएगा। पुलिस लाइंस के स्वास्थ्य केंद्र पर इसका उद्घाटन भी किया जाएगा। पहले दिन 11800 लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 46 बूथ तय किए गए हैं। इनमें मेडिकल कॉलेज, जिला व महिला अस्पताल अलावा सीएचसी, पीएचसी और अर्बन हेल्थ सेंटर शामिल हैं। सोमवार को 18 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए टीका लगाया जाएगा। इनके लिए 192 बूथ बनाए गए हैं, जिन पर 23770 लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य है। जिले में अब तक करीब 22 लाख लोग कोरोना से बचाव की पहली डोज लगवा चुके हैं।


आज होगी मॉक ड्रिल 
मेरठ। कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर सोमवार और मंगलवार को अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर मॉक ड्रिल की जाएगी। इसमें एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सरधना, मवाना, किठौर सीएचसी, एनसीआर मेडिकल कॉलेज आदि स्थानों पर मॉक ड्रिल की जाएगी। सर्विलांस अधिकारी डॉ. अशोक तालियान ने बताया कि इस दौरान परखा जाएगा कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना की तीसरी लहर से निबटने के लिए स्वास्थ्य सेवाएं कितनी तैयार हैं।

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