कश्मीर घाटी के शोपियां में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए कोटरंका के तीनों मजदूरों के परिवार से एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। पीड़ित परिवारों से मिलने राजोरी पहुंचे उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने एलान के साथ कहा कि नौकरी के अलावा सरकार आर्थिक मदद भी देगी। एलजी ने कहा कि इस घटना के लिए जो भी जिम्मेवार हैं, उन्हें सजा दिलाकर पीड़ित परिवारों से इंसाफ किया जाएगा।
गुरुवार को उप-राज्यपाल तरकस्सी और धर साकरी गांव के तीन मजदूरों अबरार अहमद, मोहम्मद इबरार और इम्तियाज अहमद के परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे। परिवार से मुलाकात के दौरान उप-राज्यपाल ने तीनों की मौत पर गहरा दुख और परिवार के साथ संवेदना व्यक्त की। कहा कि तीनों बच्चों के पारिवारों को पूरा न्याय मिलेगा। उप-राज्यपाल ने कहा कि मोदी सरकार कभी भी किसी के साथ अन्याय नहीं करती। सरकार की इसी शासन नीति के तहत वह खुद परिवार से मिलकर उनको न्याय का भरोसा दिलाने आए हैं। एलजी ने कहा कि परिवारों ने जिन बेटों को खोया है, सरकार उन्हें वापस नहीं ला सकती, लेकिन इन परिस्थितियों में परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी और वित्तीय सहायता से पीड़ितों को सहारा जरूर होगा।
उप-राज्यपाल की कार्रवाई से संतुष्ट अबरार की पत्नी
शोपियां में मारे गए एक मजदूर अबरार की पत्नी ने बताया कि उप-राज्यपाल के उनके घर आने और उन्हें मुआवजा और सरकारी नौकरी देने से वह लोग संतुष्ट हैं। कहा कि जिस प्रकार से उप-राज्यपाल ने भरोसा दिलाया है कि उन्हें न्याय मिलेगा।
आधा किमी चढ़ाई चढ़कर पहुंचे एलजी
पीड़ित परिवारों के घर पहाड़ के ऊपरी हिस्से में हैं। वीरवार को उप-राज्यपाल लगभग 500 मीटर की चढ़ाई चढ़कर गांव पहुंचे और मौजूद सदस्यों से मुलाकात कर सांत्वना के साथ न्याय का भरोसा दिलाया।
यह था मामला
दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के अमशीपोरा में 18 जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन युवक मारे गए मजदूरों में अबरार अहमद, इम्तियाज अहमद और मोहम्मद इबरार मारे गए थे। सुरक्षा बलों ने इनके आतंकी होने का दावा किया था और उनके शव वहीं दफना दिए। दो दिन बाद राजोरी के तीन परिवारों ने दावा किया मारे गए तीनों युवक आतंकी नहीं बल्कि उनके बेटे हैं जो मजदूरी करने शोपियां गए थे। इसके बाद सेना और पुलिस दोनों ने मामले की जांच शुरू कर दी। तीनों युवकों का डीएनए परिवार से मिलाया गया, जो सही पाया गया।
गलत सूचना देने वाले दो गिरफ्तार
सेना की ओर से प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान अफस्पा कानून (आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट) का उल्लंघन हुआ है। दूसरी ओर पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। बताया गया कि इन लोगों ने सुरक्षा बलों को गलत सूचना दी थी। परिवार वालों की मांग को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने तीनों युवकों के शव कब्र से निकलवाकर परिवार वालों को सौंप दिए। परिवार वाले तीनों शव लेकर राजोरी पहुंचे और उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया।