बुल्ली बाई एप मामले में ताबड़तोड़ गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने सुल्ली डील्स एप के निर्माता और मास्टरमाइंड ओंकारेश्वर ठाकुर को इंदौर से गिरफ्तार कर लिया। डीसीपी आईएफएसओ केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि वह समुदाय विशेष की महिलाओं को ट्रोल करने के लिए बनाए गए ट्विटर पर ट्रेड-ग्रुप का सदस्य था।
डीसीपी आईएफएसओ ने बताया कि ‘बुली बाई’ एप के मास्टरमाइंड नीरज बिश्नोई से पूछताछ के दौरान, हमें ऐसे सबूत मिले जिनसे हमें ओंकारेश्वर ठाकुर को गिरफ्तार करने में मदद मिली। ओंकारेश्वर से पूछताछ की जा रही है साथ ही उनके लैपटॉप की फोरेंसिक जांच की जा रही है।
महिलाओं को बदनाम करने के लिए रची साजिश
पुलिस ने आरोपी को मध्य प्रदेश के न्यूयॉर्क सिटी टाउनशिप इंदौर से गिरफ्तार किया है। उसका जन्म 17 जनवरी 1996 को हुआ था। उन्होंने आईपीएस अकादमी इंदौर से बीसीए किया है। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि वह ट्विटर पर एक ट्रेड-ग्रुप का सदस्य था और समुदाय विशेष की महिलाओं को बदनाम करने और ट्रोल करने के लिए साजिश रची थी।
उसने गिटहब पर एक कोड विकसित किया था। गिटहब की पहुंच समूह के सभी सदस्यों के पास थी। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर एप को शेयर किया था। समूह के सदस्यों द्वारा महिलाओं की तस्वीरें अपलोड की गईं।
बुल्ली बाई का भी मास्टरमाइंड गिरफ्तार
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने बुल्ली बाई एप के निर्माता व मास्टरमाइंड नीरज बिश्वनोई को भी असम से गिरफ्तार कर लिया। उसे सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। उसने पुलिस कस्टडी में दो बार खुदकुशी करने की कोशिश की है।
पुलिस को पकड़ने की दी थी चुनौती
डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि आरोपी 15 वर्ष की उम्र से ही हैकिंग कर रहा है। वह भारत समेत पाकिस्तान के स्कूल व विश्वविद्यालयों की साइटों से छेड़छाड़ व हैकिंग करता रहा है। स्कूलों से संबंधित वेबसाइटों को हैक करने के उसके दावों की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि वह जापानी के एनिमेशन गेम के किरदार गीयू (जीआईवाईयू) से काफी प्रभावित था। वह गीयू के नाम से ही ट्विटर हैंडल बनाता था। इसके जरिए ही उसने देश की पुलिस को खुद को पकड़ने की चुनौती थी।