उत्तराखंड: वन कटाव के कारण कई बड़े राज्यों में स्थिति संतोषजनक नहीं

केंद्र सरकार व राज्य सरकारों के साथ ही वन एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिकों, समाजसेवियों, आमजन के लिए खबर सावधान करने वाली है। भारतीय वन सर्वेक्षण की ओर से हालिया प्रकाशित इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट-2021 की रिपोर्ट के मुताबिक देश की राजधानी नई दिल्ली के अलावा आंध्रप्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में पिछले दो साल के भीतर जंगल घटे हैं।

इंडिया स्टेट आफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2021 की आंकड़ों पर नजर डालें तो जहां अरुणाचल प्रदेश में सबसे अधिक 257 वर्ग किलोमीटर जंगल में कमी आई है। उत्तर पूर्व के राज्य सिक्किम में एक वर्ग किलोमीटर जंगल घटा है। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर पूर्व के राज्य मणिपुर में 249 वर्ग किलोमीटर, मिजोरम में 186, नागालैंड में 235, त्रिपुरा में चार वर्ग किलोमीटर, असम में 15 और पश्चिम बंगाल में 70 वर्ग किलोमीटर फॉरेस्ट कवर कम हुआ है।

झारखंड, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, लेह लद्दाख में बढ़ा फॉरेस्ट कवर 
इंडिया स्टेट आफ फॉरेस्ट रिपोर्ट- 2021 के मुताबिक वर्ष 2019 की तुलना में 2021 में 647 वर्ग किलोमीटर फॉरेस्ट कवर बढ़ा है। छत्तीसगढ़ में 106, गोवा में सात, गुजरात में झारखंड में 110, कर्नाटक में 155, केरल में 109, महाराष्ट्र 20, उड़ीसा में 537, राजस्थान में 25, तमिलनाडु में 55, तेलंगाना में 632 किलोमीटर, उत्तर प्रदेश में 12 व उत्तराखंड में दो, जम्मू कश्मीर में 19, लेह लद्दाख में 108 वर्ग किलोमीटर फॉरेस्ट कवर में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। 

कई बड़े राज्यों में स्थिति संतोषजनक नहीं 
देश के बड़े राज्यों में शुमार मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे बड़े राज्यों में जंगलों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती है। मध्य प्रदेश में 11 वर्ग किलोमीटर, उत्तर प्रदेश में 12, गुजरात में 69, महाराष्ट्र में 20  वर्ग किलोमीटर जंगल में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश जैसे दक्षिण भारत के राज्यों में बढ़े जंगल 
दक्षिण भारत के राज्यों मसलन तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक जैसे राज्यों में जंगलों में बढ़ोत्तरी काफी अच्छी रही है। आंध्रप्रदेश में सबसे अधिक 647 वर्ग किमीमीटर, तेलंगाना में 632, कर्नाटक में 155, व केरल में 109 वर्ग किलोमीटर जंगल बढ़ा है।

उत्तराखंड में सिर्फ दो वर्ग किलोमीटर जंगल बढ़ा 
जंगलों के लिए सबसे समृद्ध राज्यों में से एक उत्तराखंड की स्थिति को बहुत अधिक संतोषजनक नहीं है। वर्ष 2019 की तुलना में पिछले दो साल के भीतर उत्तराखंड में सिर्फ दो वर्ग किलोमीटर जंगल क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है। यह स्थिति तब है जब उत्तराखंड में प्रतिशत के लिहाज से 44.45 फीसदी भौगोलिक क्षेत्रफल वनों से आच्छादित है।  

केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को इंडिया स्टेट आफ फॉरेस्ट रिपोर्ट-2021 सौंपी गई है। पिछले दो साल के भीतर किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि नईदिल्ली, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम समेत देश के 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फॉरेस्ट कवर में कमी आई है। आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, बिहार, कर्नाटक, झारखंड, केरल जैसे राज्यों में फॉरेस्ट कवर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जिन राज्यों में फॉरेस्ट कवर में कमी आई है उन राज्यों में कई ठोस कदम उठाने होंगे। 

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