पीएम मोदी ने सोमनाथ में नए सर्किट हाउस का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात (Gujarat) के सोमनाथ (Somnath) में नए सर्किट हाउस का उद्घाटन किया. सोमनाथ में नए सर्किट हाउस के उद्घाटन करने के बाद पीएम ने कहा, अलग-अलग राज्यों से, देश और दुनिया के अलग अलग कौनों से सोमनाथ मंदिर में दर्शन करने हर साल करीब 1 करोड़ श्रद्धालु आते हैं. ये श्रद्धालु जब यहां से वापस जाते हैं, तो अपने साथ कईं नए अनुभव, कईं नए विचार और एक नई सोच लेकर जाते हैं.

पीएम मोदी ने आगे कहा, पिछले 7 सालों में देश ने पर्यटन की संभावनाओं को साकार करने के लिए लगातार काम किया है. पर्यटन केन्द्रों का ये विकास आज केवल सरकारी योजना का हिस्सा भर नहीं है, बल्कि जनभागीदारी का एक अभियान है. देश की हेरिटेज साइट्स, हमारी सांस्कृतिक विरासतों का विकास इसका बड़ा उदाहरण है.सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट ने कोरोना काल में जिस तरह यात्रियों की देखभाल की, समाज की जिम्मेदारी उठाई, इसमें ‘जीव ही शिव’ विचार के दर्शन होते हैं.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया उद्घाटन 

‘दर्शनाभिलाषी को समुद्र दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा’

पिछले कुछ समय से यहां जो विकास कार्य हो रहे हैं ये सोमनाथ बाबा की ही विशेष कृपा है. ये मेरा सौभाग्य है. ट्रस्ट से जुड़ने के बाद मैं यहां विकास कार्य होते देख रहा हूं. पार्वती मैया की आधारशिला भी रखी गई. मैं इस महत्वपूर्ण असवर पर गुजरात सरकार को सोमनाथ ट्रस्ट को और साथियों आप सभी को बधाई देता हूं.इससे मंदिर पर जो दबाव रहता था वो भी कम हो गया. उन्होंने आगे कहा, इस भवन को इस तरह बनाया गया है मंदिर के दर्शन करने वाले लोगों को समुद्र दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हो. इन बढ़ती हुई सुविधाओं की वजह से सोमनाथ पूरे टूरिज्म क्षेत्र का सेंटर प्वाइंट बन जाएगा.

दिल्ली में बाबा साहेब मेमोरियल के निर्माण को किया याद

आजादी के बाद दिल्ली में कुछ गिने-चुने परिवारों के लिए ही नव-निर्माण हुआ. लेकिन आज देश उस संकीर्ण सोच को पीछे छोड़कर, नए गौरव स्थलों का निर्माण कर रहा है, उन्हें भव्यता दे रहा है. ये हमारी ही सरकार है जिसने दिल्ली में बाबा साहेब मेमोरियल का निर्माण किया. ये हमारी ही सरकार है जिसने रामेश्वरम में एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक को बनवाया.

PM मोदी ने बताया पर्यटन बढ़ाने का महत्वपूर्ण पहलू

इसी तरह नेताजी सुभाषचंद्र बोस और श्यामजी कृष्ण वर्मा से जुड़े स्थानों को भव्यता दी गई है.हमारे आदिवासी समाज के गौरवशाली इतिहास को सामने लाने के लिए देशभर में आदिवासी म्यूज़ियम्स भी बनाए जा रहे हैं.पर्यटन बढ़ाने का तीसरा महत्वपूर्ण पहलू है समय.आजकल ट्वेन्टी-ट्वेन्टी का दौर है. लोग कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा स्थान कवर करना चाहते हैं.

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