बाहुबली विधायक विजय मिश्रा की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भदोही से बाहुबली विधायक विजय मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया है कि उनका मामला जमानत के लायक उपयुक्त नहीं है. दरअसल, यूपी विधानसभा चुनाव के लिए एमएलए विजय मिश्रा ने विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार यानी सुनवाई की और उसे खारिज कर दिया.

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘यह जमानत के लिए उपयुक्त मामला नहीं है. विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है. हालांकि साक्ष्य की रिकॉर्डिंग समाप्त होने के बाद याचिका फिर से दाखिल की जा सकती है.’ दरअसल, भदोही के ज्ञानपुर से बाहुबली निर्दलीय विधायक विजय मिश्रा यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जमानत की मांग की थी, जिस पर सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि यह जमानत के लिए उपयुक्त मामला नहीं है.

मामले की सुनवाई के दौरान विजय मिश्रा के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा उनको आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने से रोकने के लिए इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं.

दरअसल, विजय मिश्रा के खिलाफ रिश्तेदार कृष्ण मोहन तिवारी ने भदोही के गोपीगंज थाने में मकान पर कब्जा करने, जान से मारने की धमकी देने और अपने बेटे के नाम वसीयत करने का दबाव डालने के आरोप लागते हुए मुकदमा दर्ज कराया था. इसके बाद विजय मिश्रा को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल विजय मिश्रा उत्तर प्रदेश की आगरा जेल में बंद है.

रेप का भी है आरोप

विधायक विजय मिश्रा और उनके बेटे के खिलाफ रेप का मामला भी दर्ज है. बीते शुक्रवार को रेप पीड़िता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि उन्हें जेल धमकी दी जा रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि उन पर केस वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. यही कारण है कि मुंबई में उन पर केस दर्ज करवाया गया है.

पीड़िता ने कहा कि विजय मिश्रा जेल में बंद है लेकिन परिवार के लोग जो बाहर हैं वो धमका रहे हैं. इस दौरान उन्होंने विजय मिश्रा के बेटे विष्णु, पत्नी राम रामलली और भतीजे को भी गिरफ्तार करने की मांग की. पीड़िता ने कहा कि विधायक विजय मिक्षा के रिश्तेदार लगातार जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. पीड़िता ने बताया कि कुछ दिन पहले विधायक के बेटी-दामाद घर में घुसकर जान से मारने की धमकी देकर गए थे.

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