मुजफ्फरनग। जिला अस्पताल के रेडक्रॉस भवन में सोमवार को “हमारी बेटियां हमारी पहचान” की थीम पर राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें बालिका सुरक्षा, कन्या भ्रूण हत्या, बालिका शिक्षा, लिंग समानता, बाल विवाह पर चर्चा की गई और लड़कियों को असमानता और लैंगिक भेदभाव को खत्म करने की शपथ ली।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ महावीर सिंह फौजदार ने कहा – सभी लोग अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें और बेटियों को जरूर पढ़ाएं, बेटियां शिक्षित होंगी तभी उनका भविष्य संवर सकेगा।
पीसीपीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ प्रशांत कुमार ने कहा समाज में लड़कियों की स्थिति सुधारने के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद बालिकाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना और लोगों में लड़कियों की शिक्षा के महत्व और उनके स्वास्थ्य व पोषण के बारे में जागरूकता को बढ़ाना है। देश में आज भी लड़कियों को असमानता और लैंगिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है, ऐसे में लोगों की सोच बदलने और उन्हें जागरूक बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा हालांकि जागरूकता बढ़ रही है, इसी वजह से उत्तर प्रदेश में बालिकाओं का प्रतिशत बढ़ा है। पहले 1,000 पुरुषों पर 995 महिलाएं थी, लेकिन अब प्रति 1,000 पुरुष पर 1017 महिलाएं हैं। आज बेटियां हर क्षेत्र में अपना मुकाम हासिल कर रही हैं।
पीसीपीएनडीटी के जिला सलाहाकार समिति के सदस्य डॉ. राजीव कुमार ने कहा “हमारी बेटियां हमारी पहचान” की थीम पर राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें बालिका सुरक्षा, कन्या भ्रूण हत्या, बालिका शिक्षा, लिंग समानता, बाल विवाह पर हमको विस्तार से समझने का अवसर प्राप्त हुआ। राष्ट्रीय बालिका दिवस का बहुत अधिक महत्व है, यह बालिकाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के प्रति जागरूक करता है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लोकेश चंद गुप्ता ने कहा राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर हमें शपथ लेनी होगी कि गर्भ में पल रहे शिशु की लिंग जांच नहीं करवाएंगे। बेटी के गर्भ में आने से पहले आखिरी सांस तक उसको प्राथमिकता देंगे और जिस बेटी के नाम से उसकी पहचान हो इसके लिए लोगों को जागरूक करेंगे। जिस दिन बेटी के नाम से उसकी पहचान होगी उस दिन बालिका दिवस को मनाने का महत्व और बढ़ जाएगा।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिव्या वर्मा ने कहा लड़कियों को असमानताओं, बालिका अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और लैंगिक भेदभाव का आज भी सामना करना पड़ता है, ऐसे में बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है और बालिका शिक्षा के महत्व और उनके स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
इस अवसर पर सीएमओ डॉ. महावीर सिंह फौजदार, नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिव्या वर्मा, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लोकेश चंद गुप्ता, पीसीपीएनडीटी के जिला सलाहाकार समिति के सदस्य डॉ. राजीव कुमार मौजूद रहे।