गणतंत्र दिवस के मौके पर नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ बंद करने का आह्वाहन किया है। इससे पहले माओवादियों ने झारखंड और बिहार में भी ऐसा ही एलान करते हुए 21 जनवरी से 26 जनवरी तक प्रतिरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया था। बंद के मद्देनजर जवानों को ज्यादा सावधानी बरतने का निर्देश दिया गया है। वहीं रेलवे द्वारा विशाखापट्टनम से दंतेवाड़ा के किरंदुल तक चलने वाली दोनों यात्री ट्रेनों को जगदलपुर तक ही चलाने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा वाल्टेयर रेल मंडल ने 26 व 27 जनवरी तक यात्री ट्रेनों का परिचालन जगदलपुर तक ही रखने का फैसला किया है।
बंद के दौरान यही रहती है व्यवस्था
रेलवे सेवा की बात करें, तो विशाखापट्ट्नम से दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल तक एक एक्सप्रेस व एक पैसेंजर ट्रेन चलती है। लेकिन अति संवेदनशील क्षेत्र होने की वजह से माओवादी बंद के दौरान ट्रेनों को परिचालन बंद कर दिया जाता है। और इसलिए जगदलपुर तक ही ट्रेनों को चलाया जाता है।
नक्स्ल बंद से साल भर लगभग 100 से अधिक ट्रेन रहते हैं प्रभावित
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि, नक्सलियों के बंद के कारण साल में 100 से भी ज्यादा दिन ट्रेनों का परिचालन ऐसे ही प्रभावित रहता है। इस मार्ग में नक्सली कई बार ट्रेनों के संचालन में बाधा डाल चुके हैं वहीं कई गुड्स ट्रेनों को बेपटरी भी कर चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, 26 जनवरी, 15 अगस्त के अलावा 10 फरवरी को भूमकाल दिवस के दौरान भी ट्रेनों का परिचालन नक्सल क्षेत्रों में बंद कर दिया जाता है।
जगदलपुर में ही होगा स्टॉप, इससे आगे नहीं आएंगी ट्रेनें
बता दें कि विशाखापट्ट्नम से दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल तक एक एक्सप्रेस व एक पैसेंजर ट्रेन चलती है। अति संवेदनशील क्षेत्र होने की वजह से माओवादी बंद के दौरान ट्रेनों को परिचालन बंद कर दिा जाता है। जगदलपुर तक ट्रेनों को चलाया जाता है। नक्सलियों के बंद के चलते साल में 100 से भी ज्यादा दिन ट्रेनों का परिचालन ऐसे ही प्रभावित रहता है। इस मार्ग में नक्सली कई बार मालगाड़ी को बेपटरी कर चुके हैं। 26 जनवरी, 15 अगस्त के अलावा 10 फरवरी को भूमकाल दिवस के दौरान भी ट्रेनों का परिचालन नक्सल क्षेत्रों में बंद कर दिया जाता है।