अपने जन्मदिन पर भी हिंडनबर्ग के दर्द को नहीं भूल पाए अडानी, ऐसे साधा निशाना

गौतम अडानी सोमवार यानी 24 जून को 62 साल के हो गए हैं. इस मौके पर उन्होंने अडानी ग्रुप की एनुअल जनरल मीटिंग यानी एजीम का आयोजन किया. एजीएम और और अपने जन्मदिन पर गौतम अडानी काफी भड़के हुए नजर आए और हिंडनबर्ग रिसर्च को एक बार फिर से अपना निशाना बनाया. उन्होंने हिंडनबर्ग पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि उस रिपोर्ट को हमें बदनाम करने के लिए ही डिजाइन किया गया था. रिपोर्ट में जिस तरह से ग्रुप में आलोचना की गई थी, उसका कोई सुबूत नहीं मिला. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर उन्होंने आगे क्या कहा…

हिंडनबर्ग पर फिर से पलटवार

अडानी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडानी ने ग्रुप की 32वीं एजीएम और अपने 62वें जन्मदिन के मौके पर एक बार फिर से हिंडनबर्ग घटना पर चर्चा की. पिछले साल ग्रुप के खिलाफ अमेरिकी शॉर्टसेलर की रिपोर्ट के बारे में अडानी ने कहा कि यह हमें बदनाम करने की साजिश थी. यह दोतरफा हमला था, हमारी वित्तीय स्थिति पर अस्पष्ट आलोचना थी. अडानी ने कहा कि हमने मार्जिन-लिंक्ड फाइनेंसिंग में 17,500 करोड़ रुपए का पूर्व भुगतान करके किसी भी अस्थिरता से निपटने का काम किया और अपने पोर्टफोलियो को सुरक्षित रखा.

लगी है मुहर

गौतम अडानी ने कहा कि जिस तरह से ग्रुप अपना काम कर रहा है. सभी चीजें ट्रांसपेरेंट हैं. जिस तरह की प्रतिबद्धता ग्रुप दिखा रहा है. उस पर रेटिंग एजेंसियों, फाइनेंशियल ग्रुप्स और जीक्यूजी, टोटल एनर्जीज, यूएस डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प जैसे ग्लोबल इंवेस्टर अपनी मुहर लगा रहे हैं. यही वजह है कि अडानी ग्रुप की अधिकतर कंपनियां हिंडनबर्ग के असर से बाहर आ चुकी हैं. शेयर के दाम नए रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए हैं.

जब 150 अरब डॉलर का हुआ था नुकसान

हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट में ग्रुप पर स्टॉक में हेरफेर और टैक्स हेवन के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया, जिससे गौतम अडानी की तमाम कंपनियों में बिकवाली शुरू हो गई थी. जिसकी वजह से अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 150 अरब डॉलर तक कम हो गया था. उसके बाद अडानी ग्रुप ने अपने सभी कर्जों को कम करना शुरू किया और निवेशकों के भरोसे को जीतने की कोशिश की. उस दौरान जीक्यूजी नाम की अमेरिकी इंवेस्टमेंट फर्म ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में भरोसा दिखाया और जमकर निवेश किया. जिसकी वजह से अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी आनी शुरू हुई है. मौजूदा समय में अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 16 लाख करोड़ रुपए हो पार कर चुका है.

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