अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट:17 साल से चल रहा केस, अब आएगा अंतिम फैसला

गुजरात के अहमदाबाद में 2008 में हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में विशेष अदालत 18 फरवरी को सजा सुनाएगी। कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में सजा सुनाने से पहले अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलों सुनवाई पूरी की। गौरतलब है कि इस मामले में 49 लोगों को पहले ही दोषी करार दिया जा चुका है। कोर्ट अब सिर्फ उनकी सजा की अवधि तय करने के लिए दोनों पक्षों की दलीलें सुन रही थी। 

इस मामले में जहां अभियोजन पक्ष ने सभी दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की है, वहीं बचाव पक्ष ने कम से कम दंड दिए जाने की मांग की। गौरतलब है कि कोर्ट ने मीडिया को सजा की अवधि पर दी जा रही दलीलों की रिपोर्टिंग करने से रोका है। 

28 आरोपियों को बरी कर दिया गया था
अदालत ने इस मामले में पिछले मंगलवार को 49 लोगों को दोषी करार दिया था और 28 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था। 26 जुलाई 2008 को 70 मिनट की अवधि में हुए 21 बम धमाकों ने अहमदाबाद को हिला कर रख दिया था। इन हमलों में 50 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक घायल हुए थे। 

13 साल से अधिक पुराने इस मामले में अदालत ने पिछले साल सितंबर में मुकदमे की कार्यवाही पूरी कर ली थी। पुलिस ने दावा किया था कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े लोगों ने साल 2002 में गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए इन हमलों को अंजाम दिया था, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के कई लोग मारे गए थे।

एक के बाद एक धमकों से हिल गया था अहमदाबाद
26 जुलाई 2008 को 70 मिनट की अवधि में हुए 21 बम धमाकों ने अहमदाबाद को हिला कर रख दिया था। इन हमलों में 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक घायल हुए थे। पुलिस ने दावा किया था कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े लोगों ने साल 2002 में गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए इन हमलों को अंजाम दिया था, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के कई लोग मारे गए थे।

17 साल से चल रहा केस, अब आएगा अंतिम फैसला
अहमदाबाद में सिलसिलेवार धमाकों के कुछ दिन बाद पुलिस ने सूरत के विभिन्न इलाकों से कई बम बरामद किए थे। इसके बाद अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 एफआईआर दर्ज की गई थीं। अदालत की ओर से सभी 35 एफआईआर को एक साथ जोड़ देने के बाद दिसंबर 2009 में 78 आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की शुरुआत हुई थी।

इनमें से एक आरोपी बाद में सरकारी गवाह बन गया था। इस मामले में बाद में चार और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उनका मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 1100 गवाहों का परीक्षण किया।

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