मणिपुर के सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए अमित शाह ने की बैठक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को मणिपुर को लेकर हाई लेवल मीटिंग की. बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला खुफिया ब्यूरो प्रमुख तपन डेका सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे समेत कई और बड़े अधिकारी शामिल हुए. गौरतलब है कि बीते एक साल से ज्यादा समय से मणिपुर में मैतेयी और कुकी समुदाय में हिंसा का दौर चल रही है. हालांकि प्रदेश में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इलके बाद भी छिटपुट हिंसा की खबर सामने आ ही जा रही है. दोनों समुदाय में संघर्ष के कारण 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. हजारों लोग अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं.

अमित शाह ने की अधिकारियों के साथ बैठक
केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में हुआ बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया विभाग के ब्यूरो प्रमुख तपन डेका, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी, मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह और असम राइफल्स के डीजी प्रदीप चंद्रन नायर शामिल हुए. गृह मंत्रालय में अमित शाह ने अधिकारियों के साथ बैठक की.

सैकड़ों लोगों की जा चुकी है जान
मणिपुर में जारी हिंसा में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. कुकी और मेइती समुदाय के संघर्ष में 220 से ज्यादा लोग मारे गये हैं. वहीं बीते सप्ताह सशस्त्र उग्रवादियों ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के अग्रिम सुरक्षा दल के काफिले पर भी हमला किया था. आग्रवादियों ने कांगपोकपी में घात लगाकर सीएम के काफिले पर हमला किया था, जिसमें एक नागरिक चालक और एक सुरक्षा अधिकारी घायल हो गए थे.

मणिपुर की राज्यपाल ने की अमित शाह मुलाकात
मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर प्रदेश की राज्यपाल अनुसूइया उइके ने कल यानी रविवार को अमित शाह से मुलाकात की थी. इस दौरान राज्यपाल ने अमित शाह से प्रदेश के हालात को लेकर गंभीर चर्चा की थी. गौरतलब है कि बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई, 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी.

आरएसएस जाहिर कर चुकी है चिंता
गौरतलब है कि मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 10 जून को मणिपुर में एक साल के बाद भी शांति नहीं कायम होने पर चिंता जताई थी. भागवत ने कहा था कि मणिपुर पिछले एक साल से शांति स्थापित होने की प्रतीक्षा कर रहा है. दस साल पहले मणिपुर में शांति थी. ऐसा लगा था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है.

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