दिल्ली की पुरानी सीएनजी बसें हटेंगी, अगले पांच साल में केवल इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी

दिल्ली की सड़कों पर चल रही पुरानी सीएनजी बसों को अगले पांच साल के भीतर हटा दिया जाएगा और उसके बाद केवल इलेक्ट्रिक बसें ही परिचालन में रहेंगी। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू ने राज्यसभा में लिखित उत्तर में बताया कि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और क्लस्टर सेवा के तहत 2,743 सीएनजी बसों का मौजूदा बेड़ा अगस्त 2031 तक चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। वर्तमान में बसों की खरीद केवल इलेक्ट्रिक बसों की ही हो रही है।

मंत्री ने बताया कि दिल्ली में अब इलेक्ट्रिक सहित कुल 5,691 बसें हैं। इनमें से 2,743 बसें सीएनजी चालित हैं, जिनमें 993 डीटीसी की और 1,750 क्लस्टर बसें शामिल हैं। इन बसों को चरणबद्ध तरीके से अगस्त 2031 तक हटाया जाएगा। इलेक्ट्रिक बसों के बढ़ते परिचालन के कारण सीएनजी बस चालकों के रोजगार पर खतरा मंडरा रहा है। करीब 8,600 चालकों की नौकरी प्रभावित हो सकती है। ये चालक डीटीसी से नियमित और अनुबंध दोनों आधार पर जुड़े हैं।

परिवहन विभाग इलेक्ट्रिक बसों की खरीद वेट-लीज मॉडल पर कर रहा है, जिसमें बसें निजी कंपनियों (कंसेशनर) की होंगी और उनके चालक ही बस चलाएंगे। परिचालक डीटीसी द्वारा तैनात होंगे। इससे मौजूदा सीएनजी बस चालकों की जरूरत घट जाएगी।

अधिकारियों ने बताया कि आने वाले महीनों में सीएनजी बसों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा और लगभग 90 प्रतिशत बेड़ा अक्टूबर 2025 तक इलेक्ट्रिक बसों में बदल जाएगा। सरकार ने कहा है कि चालकों के रोजगार को सुरक्षित रखने के लिए योजना बनाई जा रही है। इन चालकों को अन्य विभागों में तैनात किया जा सकता है, लेकिन उनका वेतन डीटीसी के माध्यम से ही दिया जाएगा। अनुबंध पर काम करने वाले चालकों को भी डीटीसी और डिम्ट्स से जुड़े कंसेशनरों के अधीन काम पर रखा जाएगा और उनका वेतन डीटीसी द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here