Rapido पर भ्रामक विज्ञापन का झटका, CCPA ने लगाया 10 लाख रुपए का जुर्माना

अगर आप रोजाना ऑफिस, कॉलेज या छोटी दूरी तय करने के लिए बाइक या टैक्सी का इस्तेमाल करते हैं, तो Rapido का नाम आपने सुना ही होगा। लेकिन भ्रामक विज्ञापनों के चलते अब कंपनी को 10 लाख रुपए का जुर्माना और ग्राहकों को रिफंड देने का आदेश मिल गया है।

भ्रामक विज्ञापन और वादे
CCPA ने Rapido पर जुर्माना इसलिए लगाया क्योंकि कंपनी ने अपने विज्ञापनों में ग्राहकों को 5 मिनट में ऑटो उपलब्ध कराने और ₹50 कैशबैक जैसे वादे दिखाए, जो हकीकत में पूरे नहीं किए गए। कंपनी ने इन ऑफर्स को देश के बड़े शहरों में चलाया, लेकिन उपयोगकर्ताओं का कहना है कि विज्ञापनों में दिखाए गए वादे असल में लागू नहीं हुए।

शिकायतों का लंबा रिकॉर्ड
जून 2024 से अब तक Rapido के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गई हैं। आधे से अधिक मामलों का समाधान नहीं हुआ। उपयोगकर्ताओं ने कहा कि राइड समय पर नहीं मिली और कैशबैक भी नहीं दिया गया। कई शिकायतें ड्राइवर के व्यवहार और रिफंड न मिलने से भी जुड़ी थीं।

कैशबैक विवाद
सबसे बड़ी गड़बड़ी ₹50 कैशबैक ऑफर को लेकर सामने आई। विज्ञापन में इसे नकद बताया गया, जबकि वास्तविकता में यूजर्स को केवल कॉइन्स मिलते थे, जिन्हें अगली राइड में ही इस्तेमाल किया जा सकता था और उनकी वैधता केवल 7 दिन की थी। इसे भ्रामक मानते हुए CCPA ने कंपनी को निर्देश दिया कि सभी ग्राहकों को असली ₹50 कैशबैक लौटाया जाए, गुमराह करने वाले विज्ञापन तुरंत बंद किए जाएं, और 15 दिनों में अनुपालन रिपोर्ट जमा करनी होगी।

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