हाथरस हादसे पर बाबा का पहला बयान: ‘मैं पहले ही वहां से चला गया था

हाथरस में कोतवाली सिकंदराराऊ अंतर्गत फुलरई मुगलगढ़ी गांव में सत्संग के दौरान भगदड़ को लेकर साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा का पहला बयान सामने आया है। साकार हरि बाबा ने कहा है कि मैं पहले ही वहां से चला गया था। उन्होंने इस हादसे के पीछे आयोजकों को जिम्मेदार बताया है। साथ ही घायलों के स्वस्थ होने की कामना की है।

आश्रम में नजरबंद हैं बाबा
हाथरस में हुए हादसे के बाद मंगलवार देर रात भोले बाबा मैनपुरी के बिछवां कस्बा स्थित अपने आश्रम पर पहुंचे। तभी से पुलिस ने आश्रम की किलेबंदी कर दी। बाबा को पुलिस पुलिस ने नजरबंद कर दिया है। हालांकि आश्रम के अंदर बाबा की मौजूदगी से पुलिस इन्कार कर रही है। इसके बाद भी लगातार आश्रम के आसपास लगातार पुलिस की संख्या बढ़ती गई। 

रात बीतने के साथ ही बढ़ती गई फोर्स
सत्संग में मची भगदड़ में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई। इस घटना के जिम्मेदार भोले बाबा रात को ही हाथरस से बिछवां स्थित अपने आलीशान आश्रम में आ पहुंचा। इसकी जानकारी होते ही जिले का प्रशासन भी अलर्ट हो गया। तुरंत ही सीओ भोगांव सुनील कुमार सिंह बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। जैसे-जैसे रात बीतती गई उसी के साथ फोर्स की संख्या भी बढ़ती गई। भोगांव, कुर्रा, किशनी आदि थानों का फोर्स भी बुधवार की सुबह तक आश्रम के बाहर पहुंच गया।

आश्रम के आसपास डेरा जमाए हुए है पुलिस
आश्रम की किलेबंदी करने के साथ ही बाबा को नजरबंद कर दिया गया। हालांकि पुलिस अधिकारियों से जब पूछा गया तो वह बाबा के आश्रम में मौजूद होने की बात से इन्कार कर रहे हैं। बुधवार की शाम तक आश्रम के आसपास पुलिस ही पुलिस नजर आ रही थी। वहीं आश्रम के एक सेवादार ने भोले बाबा के आश्रम में होने की पुष्टि की। बताया कि मंगलवार को दिन में 3 बजे बाबा आश्रम में आए और तभी से किसी का भी आश्रम में प्रवेश रोक दिया गया है। उधर पुलिस लगातार इस बात से इन्कार कर रही है। बहरहाल पुलिस के साथ ही खुफिया विभाग की टीमें भी कस्बा बिछवां में आश्रम के आसपास ही डेरा जमाए हुए हैं।

आश्रम के अंदर मौजूद हैं अनुयायी
कस्बा बिछवां स्थित आश्रम के अंदर भोले  बाबा की मौजूदगी है। इसको लेकर तो वहां पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को देख कर साफ तौर पर अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं सवाल ये है कि बाबा के साथ कौन-कौन लोग हैं जो इस समय आश्रम के अंदर मौजूद हैं। इनमें हाथरस में हुए हादसे के समय मौजूदगी अनुयायी और स्थानीय लोग मौजूद हैं। इसको लेकर भी वहां मौजूद अधिकारी व अन्य जिम्मेदार कुछ भी बताने से बच रहे हैं। आश्रम के आसपास भी मीडिया के लोगों को जाने से रोका जा रहा है।

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