महाकुंभ से पहले जलमार्ग और सड़क के रास्ते वाराणसी-प्रयागराज की कनेक्टिविटी मजबूत होगी। जलमार्ग के जरिये काशी से प्रयागराज के बीच क्रूज, मिनी क्रूज और मोटर बोट का संचालन किया जाएगा। इसके लिए चैनेलाइजेशन (तटीयकरण) का काम शुरू होने वाला है। इसके तहत गेेज और ड्रेजिंग का काम होगा।
वाराणसी-प्रयागराज जलमार्ग को दुरुस्त कराने के बाद क्रूज और मोटर बोट का ट्रायल रन कराया जाएगा। इस संबंध में प्रयागराज के मेला अधिकारियों, पर्यटन संग भारतीय राष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों संग वार्ता हुई है। पहली बार ऐसा होगा कि वाराणसी-प्रयागराज के बीच नई ई-बसें संचालित की जाएंगी। सड़क और जलमार्ग से श्रद्धालुओं की राह आसान और सुगम होगी।
पर्यटन और जल परिवहन अधिकारियों के अनुसार महाकुंभ में काशी और प्रयागराज के बीच श्रद्धालुओं का दबाव सड़क मार्ग पर अधिक होता है। इस बार तय हुआ है कि जलमार्ग के जरिये श्रद्धालुओं की आवाजाही कराई जाए। इसके तहत जलमार्ग को दुरूस्त कराने की प्रक्रिया चल रही है।
क्रूज, मिनी क्रूज और मोटर बोट तक की सुविधा श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराई जाएगी। जुलाई माह के बाद से काम तेजी से होगा। काशी-प्रयागराज के बीच जलस्तर बेहतर हो, इसके लिए चैनेलाइजेशन का काम होगा।
नई ई-बसों में सफर करेंगे श्रद्धालु
वाराणसी-प्रयागराज के बीच नई ई-बसें चलाई जाएंगी। वातानुकूलित, आरामदायक सीट और वाजिब किराया होगा। पहली बार होगा कि निगम की ओर से ई-बसें चलेंगी। अब तक डीजल बसें ही संचालित होती रही हैं।
यूपीएसआरटीसी वाराणसी के क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा ने बताया कि पूर्व में हुई बैठक में तय हुआ है कि महाकुंभ के लिए ई-बसें चलाई जाएं। इसकी तैयारियां चल रही हैं। परिवहन निगम की ओर से पहली बार ई-बसें चलेंगी।