लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. नई सरकार का गठन भी हो चुका है. प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्रियों ने शपथ ले ली है. अब बस इंतजार है संसद सत्र के आगाज होने का. 24 जून से इसकी शुरुआत होगी, लेकिन उससे पहले लोकसभा स्पीकर पद को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में माथापच्ची चल रही है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ये पद अपने पास रख सकती है. हां, डिप्टी स्पीकर का पद वो टीडीपी या जेडीयू को दे सकती है.
दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस / विपक्ष चाहती है कि डिप्टी स्पीकर का पद उसे मिल जाए. विपक्ष की दलील है कि बीजेपी के कड़िया मुंडा को यूपीए ने डिप्टी स्पीकर स्पीकर बनाया था. ऐसे में, सरकार को भी विपक्ष का ख्याल करना चाहिए. इधर सरकार की कोशिश कि स्पीकर का चुनाव आम सहमति से हो. इसके लिए राजनाथ सिंह को जिम्मेदारी दी गई है. राजनाथ सिंह विपक्षी पार्टियों और भाजपा के सहयोगी दलों से बातचीत कर एक आम राय बनाने की कोशिश करेंगे.
नई लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से
नई लोकसभा का पहला सत्र अगले सप्ताह सोमवार, 24 जून से शुरू होने जा रहा है. इस दौरान नए सांसदों के शपथ लेने से लेकर नए स्पीकर का चुनाव, राष्ट्रपति का अभिभाषण, उस अभिभाषण में सरकार के कामकाज को लेकर एक खांका, प्रधानमंत्री, विपक्ष का उस पर धन्यवाद होगा.
भारतीय जनता पार्टी के पहले कार्यकाल में मध्य प्रदेश के इंदौर से सांसद चुनी जाने वाली सुमित्रा महाजन लोकसभा की स्पीकर हुआ करती थी. वहीं, मोदी के दूसरे कार्यकाल में यह जिम्मा राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिरला के पास रही. मोदी के पहले दोनों कार्यकाल में उनकी पार्टी को अपने दम पर बहुमत हासिल था. इस बार स्थिति और है.
अहम मंत्रालय अब भी BJP ही के पास
भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन की सरकार बनाने के बावजूद भी सभी अहम मंत्रालयों को अपने पास रखा था. जिनमें गृह, रक्षा, विदेश और वित्त जैसे मंत्रालय को सहयोगियों को न देना भाजपा की बड़ी जीत मानी जा रही थी. ऐसे में, अगर पार्टी स्पीकर का पद भी अपने पास रखने में कामयाब हो जाती है तो यह उसके एक कुशल राजनीतिक प्रबंधन की जीत होगी.