महिला आरक्षण बिल पर बीजेपी की मंशा साफ नहीं: दीपेंद्र सिंह हुड्डा

महिला आरक्षण बिल लोकसभा में 454 वोटों के साथ पारित होने के बाद आज राज्यसभा में पेश किया गया. राज्यसभा में इस बिल को पारित करने पर चर्चा चल रही है. इस बिल के मत में लगभग सभी पार्टियां अपना वोट देने को तैयार हैं. इसी बीच कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने महिला आरक्षण बिल को लागू करने पर अपना बयान दिया है.

मीडिया से बातचीत के दौरान दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि, इसमें बीजेपी की मंशा साफ नहीं है. अगर मंशा महिला सशक्तिकरण की थी तो इसे तुरंत लागू करना चाहिए था. इससे पहले भी जब 2010 या 1979 में ये बिल आया था तो बीजेपी ने इसका विरोध किया था. आज हम इसे राज्यसभा में आम सहमति से पारित कराने का प्रयास कर रहे हैं.

हुड्डा का संशोधन प्रस्ताव

इसके अलावा दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा-’मैं आज एक संशोधन पेश कर रहा हूं. अगर यह लागू हुआ तो 545 सीटों पर ड्रॉ होगा और 2024 में आरक्षण लागू हो सकता है. हम सरकार से इस संशोधन पर सहमति जताने की अपील करेंगे.’ सोशल मीडिया X  पर वीडियो शेयर कर हुड्डा ने कहा कि, राज्यसभा में पेश महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हुए आज मैंने संशोधन प्रस्ताव दिए हैं. सरकार चाहे तो उनपर वोटिंग करा सकती है. इस बिल में इसमें SC-ST के साथ OBC वर्ग की महिलाओं के आरक्षण का भी प्रावधान किया जाए, और जल्द से जल्द जाति आधारित जनगणना करवा के परिसीमन की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाए. सरकार राज्यों के हिसाब से हर प्रदेश में ड्रॉ निकाल कर एक तिहाई सीटों को आरक्षित कर दे, ताकि देश की आधी आबादी को उनका हक मिल सके. हमारी मांग है कि महिला आरक्षण को भविष्य पर टालने की बजाय तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए.

लोकसभा में पास हुआ था बिल

बता दें कि, पांच दिवसीय संसद के विशेष सत्र का आज चौथा दिन है. लोकसभा और देश की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाले इस विधेयक मोदी सरकार ने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया है.

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