उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य पर हाल ही में रायबरेली में एक युवक ने हाथ उठाया था। इस घटना के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, जिनकी पहचान शिवम यादव और रोहित द्विवेदी के रूप में हुई थी। रक्षाबंधन के दिन दोनों आरोपियों को जेल से रिहा कर दिया गया।
रिहाई के बाद रोहित द्विवेदी के घर पर शुभकामनाएं देने वालों का तांता लग गया। इस दौरान आशीष तिवारी नामक व्यक्ति ने पूर्व मंत्री को थप्पड़ मारने वाले रोहित द्विवेदी के परिवार को 11 लाख रुपये का चेक सौंपा। आशीष तिवारी ने कहा कि यह तो अभी 11 लाख रुपये का पुरस्कार है, अगर कोई स्वामी प्रसाद मौर्य को जूता मारेगा, तो उसे 21 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा।
रायबरेली के सलोन कोतवाली क्षेत्र के मटका गांव के रहने वाले आशीष तिवारी ने अपनी पत्नी ममता तिवारी की चेकबुक से यह राशि रोहित द्विवेदी के परिजनों को दी, जिससे राजनीति में हलचल मच गई है। लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमले के चलते यह स्पष्ट हो गया है कि उनके सनातन विरोधी और ब्राह्मण विरोधी बयानों को लोग अब स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। फिलहाल यह मामला राजनीतिक रंग भी लेता नजर आ रहा है।
इस बीच स्वामी प्रसाद मौर्य ने इनाम देने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये दोनों आरोपी बीजेपी के गुंडे हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग सही बात कहने वालों पर हमला करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो कोई मेरी बात काटे, उसे 10 लाख और जो सर कलम करने की बात करे, उसे 50 लाख रुपये देने की घोषणा करता हूं, लेकिन अब कोई जूते मारने वाले को 21 लाख रुपये देने की बात कह रहा है।