नेपाल में चल रहे जन-जेनरेशन (जेन-जेड) आंदोलन के दौरान अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है। नेपाल पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है। मृतकों में तीन पुलिसकर्मी, एक भारतीय और एक नेपाली नागरिक भी शामिल हैं। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुक्रवार से महाराजगंज स्थित त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल में शुरू कर दी गई है, जहां कुल 36 शव रखे गए हैं।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आंदोलन के दौरान हुई झड़पों और हिंसक घटनाओं के कारण इतनी बड़ी संख्या में जानें गईं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों को विभिन्न चौक-चौराहों पर तैनात किया गया है और लगातार निगरानी जारी है।
इसी बीच, नेपाल के होटल उद्योग को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। होटल एसोसिएशन नेपाल (HAN) के अनुसार, देश के होटल उद्योग को लगभग 25 अरब नेपाली रुपये का आर्थिक क्षति हुई है। पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण यह उद्योग विशेष रूप से प्रभावित हुआ है। काठमांडू स्थित हिल्टन होटल को अकेले 8 अरब रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। इसके अलावा, काठमांडू घाटी, पोखरा, बुटवल, भैरहवा, झापा, विराटनगर, धनगढ़ी, महोत्तरी और डांग-तुलसीपुर के प्रमुख घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड वाले होटल भी प्रभावित हुए हैं।
एचएएन ने चेताया है कि कई होटल बिना मरम्मत और पुनर्निर्माण के संचालन फिर से शुरू नहीं कर पाएंगे, जिससे 2,000 से अधिक कर्मचारियों की नौकरियां भी खतरे में हैं।