पंजाब से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पर्यावरणविद् संत बलबीर सिंह सीचेवाल और विक्रमजीत सिंह साहनी ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया।
पंजाब में वर्ष 2000 में कार सेवा शुरू करके संत सीचेवाल ने गुरु नानक देव जी से जुड़ी ऐतिहासिक नदी काली बेई का कायाकल्प करने में विशेष भूमिका निभाई थी। उनके प्रयास से ही औद्योगिक व मानवीय प्रदूषण से जाम 160 किलोमीटर लंबी काली बेई साफ हो पाई थी। आज काली बेई देश में न केवल एक रोल माडल के रुप में देखी जाती है, बल्कि आज वह जगह एक पिकनिक स्थल के रुप में विकसित हो चुकी है। सड़कों वाला बाबा, वेलफेयर बाबा, बेईं वाले बाबा और ईको बाबा से विख्यात संत सीचेवाल ने अपने हाथों से बेईं से कांग्रेस बूटी निकाली थी। शुरुआती दौर में अकेले चलने वाले संत सीचेवाल के प्रयास लोक लहर बन चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय उद्यमी हैं विक्रमजीत सिंह साहनी
विक्रमजीत सिंह साहली, मूल रूप से फरीदकोट जिले के निवासी हैं और इन दिनों उनका परिवार व कारोबार दिल्ली में है। जानकारी के अनुसार विक्रमजीत सिंह साहनी को कोटकपूरा के ढोढा चौक के पास कपड़े की दुकान चलाने वाले गुरचरण सिंह साहनी ने कोई औलाद ना होने की वजह से गोद लिया था और उनकी प्राथमिक शिक्षा कोटकपूरा के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हुई थी। अस्सी के दशक में उन्होंने फरीदकोट के सरकारी बरजिंदरा कॉलेज के स्नातक की पढ़ाई की थी और उसके बाद पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से एमबीए का कोर्स किया।