लोकसभा के साथ-साथ इन 4 राज्यों में भी होंगे चुनाव, पढ़ें पूरा शेड्यूल

मतदान की तारीखों के एलान के साथ ही देश भर में आचार संहिता लागू हो गई. शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस करके मतदान की तारीखों का एलान कर दिया है. लोकसभा का चुनाव सात चरणों में किया जाएगा, पहला चरण 19 अप्रैल को होगा. सभी चुनावों के नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे. चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के साथ ही उन चार राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का भी ऐलान कर दिया है, जहां जून में वहां की सरकार का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. जिन चार राज्यों में लोकसभा के साथ ही विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, उनमें हैं-सिक्किम, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश.

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि सिक्किम की 32 विधानसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव के साथ ही पहले फेज में 19 अप्रैल में चुनाव होंगे. 19 अप्रैल को ही अरुणाचल प्रदेश की 60 विधानसभा सीटों पर मतदान होंगे. इन दोनों राज्यों के अलावा ओडिशा और आंध्र प्रदेश में भी वोटिंग की जाएगी. आंध्र प्रदेश में विधानसभा की कुल 175 सीटें हैं. यहां 13 मई को वोटिंग होगी. ओडिशा में चार चरणों में मतदान होंगे. पहला चरण 13 मई, दूसरा चरण 20 मई, तीसरा चरण 25 मई और चौथा चरण 1 जून को होगा. यहां कुल सीटों की संख्या 147 है.

26 विधानसभा सीटों पर होंगे उपचुनाव

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इसी के साथ ये भी कहा कि देश के 13 राज्यों में 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. इन सीटों पर भी आम चुनाव के साथ ही इन सीटों पर भी वोटिंग होगी. जिन राज्यों में विधानसभा के उपचुनाव होने वाले हैं, वे हैं- बिहार, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और तमिलनाडु. इन सभी सीटों के नतीजे भी 4 जून को घोषित किये जाएंगे.

राजनीतिक दलों को आयोग का सख्त निर्देश

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इस बार का चुनाव पहले के चुनावों से काफी भिन्न होगा. उन्होंने कहा कि चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त बनाने के लिए कई इंतजाम किए गए हैं. राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि राजनीतिक दलों की रैलियों और प्रत्याशियों के बायनों पर कड़ी नजर रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि चुनाव में धन बल पर सख्त निगाह रखी जाएगी. चुनाव आयोग की प्रेस कांफ्रेंस में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से साफ शब्दों में ताकीद की गई है कि वे नफरती बयानों से बचें. जातीय और धार्मिक टीका टिप्पणियां ना करें. मतदाता को किसी भी तरह का प्रलोभन देने वाले दल या नेता पर कार्रवाई की जाएगी.

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