धनबाद में आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) से जुड़े झारखंड मॉड्यूल की जांच के दौरान एक और अहम गिरफ्तारी की है। अधिकारियों के मुताबिक, इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े रह चुके अम्मार याशर को शमशेर नगर इलाके से गुरुवार को गिरफ्तार किया गया।
जमानत पर रिहा होकर दोबारा जुड़ाव का आरोप
एटीएस ने बताया कि अम्मार को 2014 में जोधपुर पुलिस ने इंडियन मुजाहिदीन से संबंधों के आरोप में पकड़ा था और उसने लगभग 10 साल जेल में बिताए। मई 2024 में जमानत पर छूटने के बाद वह दोबारा संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हो गया। उसके HUT से जुड़े सदस्यों के संपर्क में आने की जानकारी हाल ही में गिरफ्तार अयान जावेद से पूछताछ के दौरान सामने आई।
26 अप्रैल को हुई थी बड़े स्तर पर छापेमारी
इससे पहले 26 अप्रैल को धनबाद में हिज्ब-उत-तहरीर और अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) के संभावित नेटवर्क पर एटीएस ने बड़ी कार्रवाई की थी। इस अभियान में चार लोगों—गुलफाम हसन, अयान जावेद, मोहम्मद शहजाद आलम और शबनम परवीन—को गिरफ्तार किया गया था।
छापेमारी में बरामद हुए हथियार और चरमपंथी दस्तावेज
छापेमारी के दौरान एटीएस को दो अवैध हथियार, 12 कारतूस, कई मोबाइल फोन, लैपटॉप और कट्टरपंथी साहित्य बरामद हुआ। इन चारों के खिलाफ रांची में आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच जारी है।
प्रतिबंध के बाद पहला केस
गौरतलब है कि भारत सरकार ने 10 अक्टूबर 2024 को हिज्ब-उत-तहरीर पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद दर्ज यह देश का पहला आपराधिक मामला है।