समुद्री डकैती रोधी विधेयक 2022 राज्यसभा में हुआ पारित

दिल्ली। राज्यसभा में आज समुद्री डकैती रोधी विधेयक 2022 पारित हो गया। ये विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित किया जा चुका है। ये भारतीय अधिकारियों को सुदूर समुद्र में समुद्री डकैती के विरूद्ध कार्रवाई करने में सक्षम बनाता है। ये भारत के समुद्र तट से दो सौ समुद्री मील में आने वाले विशेष आर्थिक क्षेत्र के पार भी प्रभावी होता है। ये विधेयक समुद्री डकैती को किसी निजी जहाज या विमान के चालक दल अथवा यात्रियों द्वारा किसी और जहाज या विमान में सवार लोगों के विरुद्ध हिंसा, उन्हें बंदी बनाने अथवा विनाश के किसी भी अवैध कार्य के रूप में परिभाषित करता है।

विधेयक पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से अन्य साझेदार देशों के बीच भारत की वैश्विक साख बढ़ेगी और दुनिया के समुद्री मार्ग समुद्री डकैती से मुक्त हो सकेंगे। उन्होंने बताय़ा कि 2008 से 2011 के बीच समुद्री डकैती के 27 मामले देखे गए। जिनमें 288 भारतीय नागरिक प्रभावित हुए। 2014 से 2022 के बीच ऐसे 19 मामले प्रकाश में आए और इनमें 155 भारतीय चालक दल के सदस्य प्रभावित हुए। डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग की वजह से समुद्री डकैती के मामलों में कमी आई है।

डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि यह विधेयक समुद्री डकैती से निपटने के लिए एक प्रभावी कानूनी उपाय प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि 90 फीसदी से ज्यादा व्यापार समुद्री मार्गों से होता है। उन्होंने बताया कि भारत ने बहुपक्षीय मंच पर समुद्री सुरक्षा के मुद्दे का नेतृत्व किया है। इससे भारत की वैश्विक साख बढ़ेगी और समुद्री सुरक्षा मजबूत होगी।

इससे पहले, चर्चा में भाग लेते हुए बीजू जनता दल के डॉक्टर सस्मित पात्रा ने विधेयक लाने के लिए विदेश मंत्री डॉक्टर जयशंकर को धन्यवाद देते हुए कहा कि भारत में समुद्री डकैती रोधी कानून पहले कभी नहीं था। तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार ने कहा कि समुद्री डकैती बेतहाशा बढ़ गई है इसलिए, यह विधेयक बिल्कुल सही समय पर लाया गया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि 90 प्रतिशत से अधिक व्यापार समुद्री मार्गों से होता है, इसलिए ये विधेयक सुदूर समुद्र में कार्रवाई का अधिकार देगा। चर्चा में कांग्रेस के विवेक के. तन्खा और डीएमके पार्टी के.एन.आर इलांगो तथा अन्य सदस्यों ने भाग लिया।

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