दौसा. राजस्थान के दौसा जिले में बोरवेल में गिरे पांच वर्षीय आर्यन को करीब 56 घंटे बाद बाहर निकाल लिया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. एनडीआरएफ टीम ने पहले पाईलिंग मशीन खराब होने के बाद दूसरी मशीन से बोरवेल के पास गड्ढा खोदा गया. करीब 150 फीट गहरे बोरवेल से निकालकर आर्यन को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
सोमवार दोपहर को दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था. 6 देसी जुगाड़ फेल हुए. सोमवार दोपहर करीब 3 बजे आर्यन अपनी मां के सामने ही बोरवेल में गिर गया था. हादसा घर से करीब 100 फीट की दूरी पर हुआ था.
सोमवार रात 2 बजे से नहीं देखा गया मूवमेंट
सोमवार रात 2 बजे के बाद से बच्चे का कोई मूवमेंट नहीं देखा गया था. मेडिकल टीम की ओर से लगातार ऑक्सीजन दी जा रही थी. कलेक्टर देवेंद्र कुमार ने इस संबंध में जानकारी दी थी. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और बोरवेल से जुड़ी लोकल तकनीक के एक्सपर्ट की टीम लगातार प्रयास में जुटी रही. पाइलिंग मशीन से बोरवेल के पास करीब 125 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया लेकिन बाद में मशीन खराब हो गई तीन-चार घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन बाधित रहा.
आर्यन की मां की तबीयत बिगड़ी
आर्यन की मां की तबीयत बिगड़ गई. डॉक्टर्स का कहना है कि बेटे की चिंता के कारण उनका बीपी बढ़ गया है. माता-पिता दोनों ने दो दिनों से कुछ भी खाया-पिया नहीं है, इससे भी उनकी तबीयत बिगड़ी.
आर्यन की सलामती के लिए पूरा गांव प्रार्थना में जुटा रहा. पूरे देश में आर्यन के लिए प्रार्थना की गई. आर्यन के पिता जगदीश मीणा ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आर्यन अपनी मां के पास खेल रहा था. मैं किसी काम से बाजार गया था. इसी दौरान आर्यन बोरवेल में गिर गया. आर्यन की मां गुड्डी देवी ने प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया.