दुनिया के सबसे ऊँचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर से दुखद घटना सामने आई है। 7 सितंबर को बड़े पैमाने पर हिमस्खलन हुआ, जिसकी चपेट में भारतीय सेना का एक शिविर आ गया। हादसे में तीन जवान शहीद हो गए। सूचना मिलते ही सेना ने तुरंत राहत और बचाव अभियान शुरू किया और रेस्क्यू टीम ने तीनों जवानों के पार्थिव शरीर बरामद कर लिए।
सियाचिन दुनिया का सबसे ऊँचा और कठिन युद्धक्षेत्र माना जाता है। यहां तापमान सर्दियों में -50 डिग्री तक पहुंच जाता है। यह क्षेत्र समुद्र तल से करीब 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और कुछ स्थान 24,000 फीट तक भी हैं। काराकोरम रेंज के पूर्वी हिस्से में स्थित 76 किलोमीटर लंबा यह ग्लेशियर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गैर-ध्रुवीय ग्लेशियर है।
सियाचिन भारत, पाकिस्तान और चीन की त्रिकोणीय सीमा पर स्थित होने के कारण सामरिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील क्षेत्र है। यहां तैनाती के लिए सैनिकों को हाई एल्टीट्यूड वारफेयर की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है।
1984 में ‘ऑपरेशन मेघदूत’ के तहत भारतीय सेना ने सियाचिन पर नियंत्रण स्थापित किया था। तब से यहां 14 कॉर्प्स (लेह) और 102 इंफैंट्री ब्रिगेड के जवान लगातार तैनात रहते हैं और विषम परिस्थितियों के बावजूद सीमाओं की सुरक्षा करते हैं।