मुज़फ्फरनगर की बदहाल सड़कें


2 नवम्बर: कुछ दिनों पूर्व समाचारपत्रों में एक चित्र छपा था जिसमें नगरपालिका परिषद मुज़फ्फरनगर की चेयरपर्सन मिनाक्षी स्वरूप नईमंडी क्षेत्र के एक प्रमुख बाज़ार में सड़क निर्माण का कार्यारम्भ करती दिखाई पड़ रही हैं। पालिकाध्यक्ष का यह कथन स्वागत योग्य है कि शीघ्र ही शहर की कई सड़को का निर्माण कराया जाएगा।

इसमें शक नहीं कि जनसंख्या वृद्धि और दुपहिया वाहनों व बैटरी चालित रिक्शाओं की तादाद में बीते वर्षों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। नगर में चार पहिया वाहन भी बड़ी संख्या मे बढ़े हैं। इसके अतिरिक्त बाजारबन्दी के पश्चात रात्रि में और सवेरे प्रातःकाल में बड़े वाहन भी सड़कों पर दौड़ते हैं।

इस प्रकार नगर की सड़कें व मुख्य मार्गो पर हर समय बड़ा दबाव रहता है। कहने का तात्पर्य यह है कि खुद चेयरपर्सन, पार्षदों व पालिका अधिकारियों को भी ज्ञात है कि मुजफ्फरनगर की सड़कों का क्या हाल है। मिनाक्षी चौक से महावीर चौक पहुंचने वाली सड़‌क को छोड़ कर शहर की प्राय: सभी सड़कें बदहाल हैं। इन टूटी-फूटी गड्ढायुक्त सड़कों पर दौड़ने (या रेंगने) वाले दुपहिया वाहनों तथा ई-रिक्शाओं में गड्ढों के कारण खूब टूट-फूट होती है। रिक्शाओं में बैठने वाली सवारियों, विशेषकर वृद्धों व महिलाओं को तथा मरीजों को बहुत परेशानी होती है। अतः जरूरी है कि मुख्य मार्गों का शीघ्र से शीघ्र पुनर्निर्माण किया जाए।

मुख्य मार्गों के साथ-साथ मौहल्लों, गलियों की सड़कों को नये सिरे से बनाना भी इसलिए जरूरी है कि कुछ समय (या कुछ वर्षों बाद) सिटी बसों का परिचालन होने वाला है। तब ई-रिक्शा गली-मोहल्लों की सड़कों पर ही सवारियां ढो सकेंगी।

निश्चित रूप से यह एक बड़ा प्रोजेक्ट होगा जिसके लिए पालिका को राज्य सरकार की आर्थिक सहायता की दरकार होगी अत: नगर पालिका परिषद, शहर के विधायक (राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल), अन्य जन प्रतिनिधियों व नेताओं को इसे एक अभियान के रूप में आगे बढ़ाना चाहिए ताकि नागरिक रोजमर्रा की परेशानी से निजात पा सके।

गोविन्द वर्मा

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