मोहम्मद यूनुस से बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को ‘राष्ट्रपिता’ की पदवी से विरत कर दिया है। इसके लिए सरकारी बजट में अधिसूचना छपवाई है। अब बांग्लादेश के करेंसी नोटों पर बंगबंधु का चित्र नहीं छपेगा।
शेख हसीना का तख्ता पलट कराने के बाद उन पर हत्या, देशद्रोह के दर्जनों मुकदमे दायर कराने के बाद यूनुस ने इस्लामी कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के कथित ‘छात्रों’ को खुदमुख्तारी सौंप दी हैं जो 1947 से भी बुरी तरह बांग्लादेशी हिन्दुओं एवं वहां के अल्पसंख्यकों का संहार करने में जुटे हैं।
दरअसल, मोहम्मद यूनुस शेख मुजीब की पहचान मिटाने और हमेशा के लिए शासक बने रहने के मकसद से पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष मुल्ला मुनीर गुप-चुप समझौता कर चुका है। तमाम आंतरिक परेशानियों के बावजूद बांग्लादेश के फौजी ठिकानों पर पाकिस्तान की सेना पहुंच भी चुकी है। यूनुस किसी भी वक्त बांग्लादेश को फिर से पूर्वी पाकिस्तान घोषित कर सकता है। इसमें उसे और मुल्ला मुनीर दोनों की लालसा पूरी होने की सम्भावना दिखती है।
गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’