महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे गुट को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं. सोमवार (17 फरवरी) को वांद्रे पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के उपविभाग प्रमुख जितेंद्र जनावाले ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. अपने इस्तीफे में उन्होंने पिछले छह सालों से कार्यक्षेत्र से बाहर नियुक्ति कर राजनीतिक नुकसान पहुंचाने की साजिश रचने का का आरोप लगाया है.
जितेंद्र जनावाले को एक ऐसे कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है जो ठाकरे गुट को मशाल चुनाव चिन्ह मिलने के बाद मशाल लेकर मातोश्री आए थे. जनावाले का कहना है कि विभाग प्रमुख अनिल परब ने उन्हें कार्यक्षेत्र से बाहर रखा. अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि जानबूझकर उन्हें पार्टी में नजरअंदाज किया जा रहा है और अपनी व्यथा बताने के बावजूद पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की. पत्र में उन्होंने लिखा है कि वह इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि उनकी क्षमता के बावजूद उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है.
पूर्व विधायक राजन सालवी ने दिया था इस्तीफा
इससे पहले हाल ही में पार्टी के पूर्व विधायक राजन सालवी ने इस्तीफा दे दिया था. कोंकण में ठाकरे गुट के वरिष्ठ नेता राजन साल्वी ने उपनेता पद से इस्तीफा दे दिया था. वह पिछले 35 सालों से शिवसेना के लिए काम कर रहे थे. कोंकण क्षेत्र के रतापुर निर्वाचन क्षेत्र से 2024 का विधानसभा चुनाव हारने वाले तीन बार के विधायक राजन साल्वी ने पार्टी पर अनदेखी करने का आरोप लगाया था वो अपनाी उपेक्षा से नाराज थे.
शिंदे गुट में शामिल हुए राजन साल्वी
इसके बाद राजन साल्वी ने शिंदे गुट की शिवसेना का दामन थाम लिया था. उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उद्योग मंत्री उदय सामंत और कई पार्टी नेताओं की उपस्थिति में वो शिवसेना में शामिल हुए थे. उन्होंने कहा था ‘मैं बालासाहेब ठाकरे का प्रिय शिवसैनिक हूं. मैंने आज तक उनकी मंशा के अनुरूप काम किया है और उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाऊंगा’.
साल्वी का ठाकरे गुट छोड़ने और एकनाथ शिंदे के खेमे में शामिल होने का कदम ‘ऑपरेशन टाइगर’ का एक हिस्सा माना जा रहा था. वहीं अब जितेंद्र जनावाले के इस्तीफे से एक बार फिर से ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है. सूत्रों ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता, कार्यकर्ता और कई मौजूदा विधायक पाला बदलने के इच्छुक हैं.
‘ऑपरेशन टाइगर पर उद्धव ठाकरे अलर्ट
इस बीच उद्धव ठाकरे की अगुवाई में ठाकरे गुट के सांसदों की बैठक 20 फरवरी और इसके बाद विधायकों की बैठक 25 फरवरी को बुलाई गई है. माना जा रहा है कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे इस दौरान सांसदों और विधायकों का मार्गदर्शन भी करेंगे. उद्धव ठाकरे की ओर से यह बैठक तब बुलाई गई है जब पार्टी के पूर्व विधायक और कई पदाधिकारी लगातार ठाकरे का साथ छोड़कर शिंदे गुट में शामिल हो रहे हैं.